उद्धारक की तलाश में कटिहार का यह ऐतिहासिक स्वास्थ्य केंद्र, आजादी के पूर्व का यह केंद्र बन गया है खंडहर
कटिहार का यह ऐतिहासिक स्वास्थ्य केंद्र आजादी के पूर्व 1926 में शुरू केंद्र हुआ था। प्रथम पंचवर्षीय योजना में भवन बना था। भवन निर्माण के लिए उद्घाटन हुआ था। लेकिन निर्माण अधर में लटका हुआ है। इस केंद्र को उद्धारक की तलाश है।
कटिहार, जेएनएन। प्रखंड के सोनैली बाजार में स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। जबकि पूर्व में तीन प्रखंडों के मरीजों के उपचार का यही मात्र माध्यम हुआ करता था। फिलवक्त यहां स्वास्थ्य सेवा के नाम पर महज कागजी खाना पूर्ति भर हो रहा है। जबकि इसे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया है। जबकि प्रमुख बाजार में स्थित यह केंद्र बड़ी आबादी के लिए उपयोगी है। प्रखंड के कंटिया पंचायत में स्थित इस केंद्र का शुभारंभ 1926 में किया गया था। जबकि पहली पंचवर्षीय योजना के तहत मातृ सेवा सदन के तहत कई कमरों का निर्माण के साथ चिकित्सक के रहने हेतु आवास का निर्माण कराया गया था। एक दशक पूर्व तक यहाँ लोगों का समुचित इलाज होता था। क्षेत्र के कंटिया, पेलागढ़, भोगांव, कदवा के साथ डंडखोरा एवं आजमनगर प्रखंड का कई पंचायत के लोग इससे लाभांवित होते थे।
बता दें कि छह वर्ष पूर्व सूबे के तत्कालिन स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा 32 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की नींव रखी गयी थी। लेकिन शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। जबकि शिलान्यास का टूटा बोर्ड लोगों का मुंह चिढ़ा रहा है। जबकि अस्पताल भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है। जबकि भवन में गंदगी और जंगल का साम्राज्य है। बता दें कि आजादी के पूर्व बना यह केंद्र क्षेत्र की धरोहर है। स्थानीय मुखिया अनिल वैध ने कहा कि प्रखंड के हृदय स्थली कहे जाने वाले बाजार में स्थित स्वास्थ्य केंद्र का बदहाल होना दु:खद है। उन्होंने इसके जीर्णोंद्धार और उन्नयन की मांग की है। लोगों ने कहा कि शिलान्यास के बाद भी अस्पताल की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है।