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Acid attack : छात्रा को दर्द से नहीं मिल रही राहत, भोजन नहीं ले पा रही

19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्‍ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 02:50 PM (IST)
Acid attack : छात्रा को दर्द से नहीं मिल रही राहत, भोजन नहीं ले पा रही

भागलपुर [जेएनएन]। एसिड हमले में बुरी तरह झुलस चुकी छात्रा की हालत अभी भी चिंताजनक है। उसकी बुधवार को एक और बड़ी सर्जरी की संभावना है। जिसमें छात्रा के एसिड हमले के कारण मृत हो गए त्वचा को सर्जरी की सहायता से हटाया जाएगा। बता दें कि कुछ दिन पूर्व हुए सर्जरी के दौरान छात्रा का काफी खून बह गया था। तीन घंटे तक ऑपरेशन चला था। इस ऑपरेशन के दूसरे दिन जब छात्रा का डे्रसिंग हुआ तो इस दौरान काफी खून निकला। जिस वजह से उसके शरीर में खून की काफी कमी हो गई। तब खून की कमी को पूरा करने के लिए तीन यूनिट खून चढ़ाया गया था। ऐसे में इस बार सर्जरी के पूर्व ही स्टॉक रखा गया है।

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अभी भी दिया जा रहा जूस

छात्रा को अभी भी जूस दिया जा रहा है। मंगलवार को उसे खिचड़ी खिलाया गया तो उसने उल्टी कर दी। इसके बाद उसे फिर तरल देना शुरू कर दिया गया है। अस्पताल के चिकित्सक लगातार उसके स्वास्थ्य की निगरानी रख रहे हैं। छात्रा दर्द से काफी परेशान है। वह बीच बीच में दवा के बाद भी काफी चिल्लाती है। चिकित्सकों की टीम हर आधे घंटे पर उसके स्थिति की जानकारी लेते हैं। वहीं छात्रा के पिता और उसकी मां लगातार हर समय उसके इर्द गिर्द रहते हैं। ताकि किसी भी जरूरत पर तत्काल वे लोग पहुंच सके। वह रात में सो नहीं सकती है। उसे नींद लाने के लिए दवाई दी जाती है।

पीड़िता के दोनों हाथों में सबसे ज्यादा घाव

पीड़िता के लिए अगले एक माह मुश्किलों से भरे होंगे। दो चरणों में मल्टीपल सर्जरी के बाद हालत स्थिर तो है लेकिन एसिड से प्रभावित शरीर के हिस्सों की त्वचा उधड़ जाने से संक्रमण का खतरा बरकरार है। डाक्टरों का मानना है कि इलाज चलने तक पीड़िता के लिए अगला एक माह कठिन होगा। समयन हास्पिटल के चिकित्सा विशेषज्ञ डा. जयंत तपदार के अनुसार एसिड बर्न से छात्र के दोनों हाथ सबसे ज्यादा जख्मी हैं। उनका समुचित तरीके से उपचार किया जा रहा है। छात्र का उपचार कर रहे डाक्टरों के अनुसार आवश्यकतानुसार लगातार दवाओं में बदलाव किया जा रहा है। शरीर को प्रचुर मात्र में पौष्टिक आहार मिले, इसके लिए डिप के जरिए टोटल पैरेंटल न्यूटिशन (टीपीएन) दिया जा रहा है। वहीं, पीड़ित के उपचार और पुनर्वास में मदद के लिहाज से इस क्षेत्र की एक संस्था के सदस्यों ने मंगलवार को पीड़िता के परिवारीजनों से मुलाकात की।

गंगा-जमुना की धार हो गई मां की आंखें

एसिड अटैक की शिकार बिटिया के हाल ने मां की आंखों को गंगा-जमुना की धार बना दिया है। सिगरा स्थित समयन हास्पिटल में इलाजरत बेटी की दशा देख उसकी मां की आंखों के आंसू नहीं थम रहे। कलेजे के टुकड़े को एसिड से बचाने में खुद घायल होने के बाद भी उसके सिराहने की सोते-जागते दिन और रात बीत रही। हाल जानने के लिए किसी शुभचिंतक के आने पर यह व्यथा हर एक को भावुक कर रही।

छात्रा का अस्पताल में बयान के लिए वाराणसी के न्यायालय में दी गई अर्जी

एसिड हमले में घायल छात्रा का न्यायिक अधिकारी के समक्ष अस्पताल में ही बयान कराने के लिए मंगलवार को वाराणसी के न्यायालय में पुलिस ने अर्जी दाखिल की है। इसके लिए दारोगा ओमप्रकाश को अतिरिक्त जांचकर्ता के रूप में सोमवार को ही वाराणसी भेज दिया गया था। उन्होंने न्यायालय को अनुरोध किया है कि छात्रा का अस्पताल में ही 164 का बयान हो जाए। इसके लिए अस्पताल में ही एक न्यायिक अधिकारी को बयान लेने के लिए न्यायालय के आदेश के बाद भेजा जाएगा। बता दें कि छात्रा की हालत अस्पताल में काफी चिंताजनक है। ऐसे में वह कोर्ट जाने में असमर्थ है।

एसएसपी ने की मामले की समीक्षा

एसिड हमला मामले को लेकर एसएसपी आशीष भारती ने इसकी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कई और नए बिंदुओं पर जांच का निर्देश एसआइटी को दिया है। सभी को अलग अलग कार्य सौंपा गया है। एसआइटी के सभी सदस्यों को टॉस्क देने के बाद अपडेट होते ही रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। एसएसपी लगातार वाराणसी में छात्रा की स्थिति पर भी नजर बनाकर रख रहे हैं। वहां भी वे कोर्ट में दी गई अर्जी के बारे में अपने अफसर से संपर्क में थे। समीक्षा में सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज, सिटी डीएसपी राजवंश सिंह, इशाकचक इंस्पेक्टर राम एकबाल यादव समेत अन्य मौजूद थे।

तीन संदिग्धों का नहीं चला पता

पुलिस ने जिन तीन संदिग्धों को पता लगा रही है। उनके बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है। तकनीकी अनुसंधान में भी पुलिस को विशेष सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि इस मामले में पुलिस को कई नई जानकारियां हाथ लगी है। पुलिस घटना के ठीक पहले से छात्रा के वाराणसी जाने तक के एक एक बिंदु पर बारीकी से जांच में जुटी हुई है। पुलिस को ऐसे व्यक्ति की भी तलाश है कि जो घटना के बाद सबसे पहले छात्रा के घर पहुंचा था। जो लोग वहां घटना के बाद पहुंचे तो कई से पुलिस ने पूछताछ की है। लेकिन उनके बयान में भिन्नता आ रही है। ऐसे में पुलिस उनकी बातों को क्रास चेक भी कर रही है।

राजा यादव का खून का नमूना लेगी

अलीगंज में छात्र पर हुए एसिड हमले के आरोपितों का पुलिस खून का नमूना जांच के लिए भेजेगी। इसके लिए पुलिस हमले के आरोपित जेल में बंद गंगटी के राजा यादव का खून का नमूना लेगी। इसके लिए बबरगंज चौकी इंचार्ज सह केस के जांचकर्ता मिथिलेश कुमार चौधरी ने मंगलवार को न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन अभी उन्हें न्यायालय से इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है। चूंकि अभी आरोपित न्यायिक अभिरक्षा में हैं। इस वजह से पुलिस को अभी अनुमति नहीं दी गई है। वहीं इसके लिए राजा यादव की अनुमति भी लेनी होगी।

पहले ही ले लिया गया था प्रिंस के खून का नमूना

छात्र पर एसिड से हमले का पहला आरोपित प्रिंस कुमार है। जो कि घटना के दिन ही घर से पकड़ा गया था। उसके खून का नमूना डीएनए जांच के लिए पुलिस ने लिया था। उसके नमूने को पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद जांच के लिए भेज दिया है। इसके साथ घटनास्थल पर बरामद कट्टे के बैलेस्टिक जांच के लिए भी पुलिस ने न्यायालय से अनुमति लेने के बाद भेज दिया है। पुलिस को जांच में सुविधा हो। इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने संबंधित विभाग को जल्द रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। ताकि जांच की दिशा और दश तय की जा सके।


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