अलीगंज में बनेगा वन स्टॉप सेंटर, जानें... महिलाओं के लिए क्या है इसमें खास Bhagalpur News
वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन केंद्र में दुष्कर्म पीडि़ता को रखा जाएगा। इनके खाने-पीने और रहने की सारी व्यवस्था होगी। साथ ही पीडि़ताओं के इलाज की सुविधा भी रहेगी।
भागलपुर [जेएनएन]। पीडि़त महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर बनेगा। निर्भया फंड से बनने वाले वन स्टॉप सेंटर की मंजूरी केंद्रीय बाल विकास मंत्रालय ने दे दी है। वन स्टॉप सेंटर के लिए अलीगंज इलाके में जमीन का चयन किया गया है। जमीन आवंटन कराने के लिए बिहार सरकार को इसकी जानकारी दी गई है। राज्य सरकार से अनुमति मिलने के साथ ही भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। डीएम प्रणव कुमार ने बताया कि जमीन चिंहित कर सरकार को भेजा गया है। सरकार के दिशा-निर्देश के बाद काम शुरू होगा।
राज्य सरकार को उपलब्ध कराना है भूमि या भवन
आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत वन स्टॉप सेंटर के संबंध में बाल विकास मंत्रालय से जानकारी मांगी थी। मंत्रालय ने 15 जुलाई 2019 को सूचना उपलब्ध कराते हुए लिखा है कि मंत्रालय के प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड ने 19 नवंबर 2018 को स्वीकृति दे दी है। राज्य सरकार जमीन अथवा भवन उपलब्ध अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है। मंत्रालय से सरकार से निर्भया सेंटर व वन स्टॉप सेंटर के लिए 300 वर्ग मीटर सरकारी भूमि जो जिला मुख्यालय के केंद्र बिंदु के आसपास तथा जिला अस्पताल से पांच किलोमीटर की परिधि के अंदर हो को चिह्नित कर विभाग को सूचित करने के लिए कहा था।
दुष्कर्म पीडि़ता के रहने और इलाज की होगी सुविधा
वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन केंद्र में दुष्कर्म पीडि़ता को रखा जाएगा। इनके खाने-पीने और रहने की सारी व्यवस्था होगी। साथ ही पीडि़ताओं के इलाज की सुविधा भी रहेगी। यहां पीडि़ताओं की काउंसिलिंग भी की जाएगी। वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन के संचालन के लिए अलग से कर्मियों की बहाली की जाएगी। सेंटर मैनेजर, केस वर्कर, गार्ड, सुरक्षा प्रहरी, मल्टीपर्पस वर्कर आदि पदों पर कर्मियों को विभागीय स्तर से बहाल किया जाएगा।
पूरे देश में 660 स्थानों पर खोला जाएगा
2012 में घटित निर्भया कांड के बाद महिलाओं के सुरक्षा और बचाव के लिए 2013 में निर्भया फंड निधि की स्थापना तत्कालीन सरकार ने किया था और वित्त मंत्रालय आर्थिक कार्य विभाग ने 26 अक्टूबर 2015 को दिशा निर्देश जारी किया था। महिला एवं बाल विकास की सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक सशक्त समिति का गठन किया गया था। निर्णय लिया गया था कि देश भर के जिलों को शामिल करते हुए 660 स्थानों पर वन स्टॉप सेंटर खोला जाएगा।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप