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सरकारी स्कूलों में लगाए जा रहे 55 इंच के टीवी स्क्रीन, जानें... छात्रों को क्या होगा लाभ Bhagalpur News

अब तक 178 में से 81 स्कूलों में स्मार्ट क्लास में पढ़ाई शुरू हो गई है। शेष स्कूलों को 25 अगस्त तक स्मार्ट क्लास से पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 10:16 AM (IST)
सरकारी स्कूलों में लगाए जा रहे 55 इंच के टीवी स्क्रीन, जानें... छात्रों को क्या होगा लाभ Bhagalpur News

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। जिले के सरकारी माध्यमिक स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे अब स्मार्ट बनेंगे। उन्हें अब स्मार्ट क्लास में लगे 55 इंच के टीवी स्क्रीन पर गणित एवं विज्ञान के सूत्र पढ़ाए जा रहे हैं।

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सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ असगर अली खां ने कहा कि अब तक 178 में से 81 स्कूलों में स्मार्ट क्लास में पढ़ाई शुरू हो गई है। शेष स्कूलों को 25 अगस्त तक स्मार्ट क्लास में पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को राज्य परियोजना निदेशक ने भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से 25 तक हर हाल में सभी स्कूलों स्मार्ट क्लास में पढ़ाई शुरू करवाने के निर्देश दिया है। अन्यथा की स्थिति में आरोप पत्र गठित करने का भी अल्टीमेटम दिया है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास के निर्माण के लिए उक्त सभी स्कूलों को 90-90 हजार रुपये की राशि प्रदान कर दी गई है। स्मार्ट क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

स्मार्ट क्लास में पढऩे को उत्सुक हैं बच्चे

सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनने से छात्र-छात्राओं में एक नई उत्सुकता है। एसएस बालिका की छात्रा रश्मि बोली अब निजी स्कूलों में नहीं पढ़ पाने का मलाल नहीं होगी। अन्य छात्राओं ने बताया कि स्मार्ट क्लास में पढऩे का मजा ही कुछ और है। टीवी स्क्रीन पर योग्य शिक्षकों का विषय वार मार्गदर्शन मिल रहा है। स्मार्ट क्लास में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी व ङ्क्षहदी विषय की पढ़ाई होती है।

भवन जर्जर, नाइट गार्ड नहीं

यह स्मार्ट क्लास में लगे उपकरण कब तक स्कूलों में सुरक्षित रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि, अधिकतर स्कूलों का भवन जर्जर है। खासकर मध्य विद्यालय से उत्क्रमित हुए माध्यमिक स्कूलों में कोई नाइट गार्ड की भी व्यवस्था नहीं है।

शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी

कई स्कूलों में तो गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों की भी कमी है। पर ई-कंटेंट के की पढ़ाई से शिक्षकों की कमी नहीं खलेगी। डीपीओ ने कहा जिन स्कूलों में शिक्षक हैं उन्हें भी बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट बनने की जरूरत है।

171 स्कूलों के 587 शिक्षक हुए प्रशिक्षित

स्मार्ट क्लास में बच्चों को पढ़ाने के तौर-तरीकों की जानकारी के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का क्रम जारी है। इसके लिए अब तक दो चरणों में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पहले चरण में 98 स्कूलों के 335 एवं द्वितीय चरण 73 स्कूलों के 252 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।


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