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नए साल में जेल से आजाद होंगे सूबे के 41 सदाचारी बंदी

बिहार राज्य दंडाधिकार परिहार परिषद ने विभिन्न जेलों में बंद वैसे 41 उम्र कैदियों को मुक्त करने का फैसला ले लिया है जिनका आचरण जेल जीवन के दौरान निगरानी में सदाचार वाला पाया गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 09:35 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 09:50 AM (IST)
नए साल में जेल से आजाद होंगे सूबे के 41 सदाचारी बंदी
नए साल में जेल से आजाद होंगे सूबे के 41 सदाचारी बंदी

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। नया साल सूबे की जेलों में बंद 41 सदाचारी बंदियों के लिए खुशी का पैगाम लाया है। बिहार राज्य दंडाधिकार परिहार परिषद ने सूबे के विभिन्न जेलों में बंद वैसे 41 उम्र कैदियों को मुक्त करने का फैसला ले लिया है जिनका आचरण जेल जीवन के दौरान निगरानी में सदाचार वाला पाया गया है। इन बंदियों को जनवरी के प्रथम सप्ताह में जेल की सलाखों से आजाद कर दिया जाएगा। जेल से आजाद किए जाने वाले बंदियों की सूची में भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, विशेष केंद्रीय कारा के 10 बंदी शामिल हैं।

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सक्षम प्राधिकार का पूर्व में भेजा गया था बंदियों से संबंधित मंतव्य

जेल में बंद ऐसे उम्र कैदियों से संबंधित विधिवत रिपोर्ट बिहार राज्य दंडाधिकार परिषद को भेजा गया था। जेल अधीक्षक और प्रॉवीजनरी ऑफिसर ने ऐसे बंदियों की जेल जीवन के दौरान उनके आचरण संबंधी रिपोर्ट तैयार की थी। उसके बाद उन न्यायालयों का भी मंतव्य लिया गया जहां से उन्हें सजा मिली थी। संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक की भी रिपोर्ट मांगी गई थी। सक्षम प्राधिकार की रिपोर्ट को जेल आइजी के पास भेजा गया था। फिर उक्त रिपोर्ट को राज्य दंडाधिकार परिषद की नवंबर के अंतिम सप्ताह हुई महत्वपूर्ण बैठक में रखा गया। जहां परिषद ने 41 बंदियों की रिपोर्ट कार्ड के आधार पर सदाचारी मानते हुए उनकी रिहाई को हरी झंडी दे दी है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में इन बंदियों को जेल की सलाखों से मुक्ति दे दी जाएगी।

राज्य सरकार अच्छे आचरण वाले बंदियों को देती है लाभ

वैसे उम्र कैद का मतलब अब सजायाफ्ता बंदियों का मृत शरीर ही जेल से बाहर होगा। लेकिन राज्य सरकार जेल जीवन के दौरान बेहतर आचरण वाले ऐसे बंदियों को सजा का 14 साल काट लेने पर छह साल के परिहार का लाभ जोड़ते हुए 20 साल की सजा काट लेना मान लेती है। ऐसे बंदियों को सक्षम प्राधिकार की रिपोर्ट के आधार पर समय-समय पर मुक्त करती है। सूबे की जेलों के अधीक्षक समेत तमाम सक्षम प्राधिकार की रिपोर्ट आने पर राज्य दंडाधिकार परिहार परिषद की बैठक में इसपर विचार किया जाता है। साल में परिषद की दो बैठक पटना मुख्यालय में होती है।

बिहार के जेल उप महानिरीक्षक नीरज कुमार झा ने बताया कि सूबे के 41 बंदियों की रिहाई नए साल में होनी है। राज्य दंडाधिकार परिहार परिषद की बैठक में इसकी स्वीकृति मिल चुकी है।


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