2012 से 14 तक पूर्णिया में तैनात के दो सीएस पर होगी कार्रवाई
दीपक शरण, पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग में चार करोड़ के फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन दो सिविल सर्जन (सी
दीपक शरण, पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग में चार करोड़ के फर्जीवाड़ा मामले में तत्कालीन दो सिविल सर्जन (सीएस)पर कार्रवाई हो सकती है। तीन कर्मचारियों का निलंबन पहले ही विभाग कर चुका है। दोनों सिविल सर्जन के कार्यकाल के दौरान ही कई किश्तों में कर्मचारियों का बकाया वेतन का भुगतान एरियर के रूप में किया गया। इस संबंध में तत्कालीन दोनों सिविल सर्जनों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जवाब मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. आरडी रंजन ने कहा कि तत्कालीन दोनों सिविल सर्जनों का जवाब मिल चुका है। मामले में विभाग अंतिम कार्रवाई करेगा। 2012 से शुरू हुआ यह मामला 2015 तक जारी रहा था। इस दौरान दो सिविल सर्जनों का तबादला हुआ लेकिन किसी ने इस फर्जीवाड़ा को रोकने कोशिश नहीं की। बढ़ते-बढ़ते यह राशि चार करोड़ तक पहुंच गई। क्या है मामला
दरअसल यह मामला 2004 का है जब राज्य भर में स्वास्थ्य विभाग में बहाल 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था। इनकी नियुक्ति में उचित प्रक्रिया नहीं अपनाने को कारण बताया गया था। इसके बाद सभी कर्मचारी अदालत की शरण में चले गए थे। अदालत से इन्हें राहत मिली और सभी कर्मचारियों की सेवा बहाल कर दी गई। इस बीच 18 अप्रैल 2004 से 28 फरवरी 2007 के बीच इन कर्मचारियों ने सेवा नहीं दी। बावजूद जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यालयों के 17 छंटनीग्रस्त कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया गया है। इस मामले में कोर्ट ने केवल सेवा बहाली का आदेश दिया था। आवंटन के अभाव में कई किश्तों में कर्मचारियों का भुगतान किया गया। ये सिविल सर्जन थे तैनात
2012 तक डॉ. रामचरित्र मंडल और 2014 तक डॉ एसएन झा सिविल सर्जन के रूप में पूर्णिया में पदस्थापित थे। इन्हीं के कार्यकाल में कर्मचारियों को चार करोड़ रुपये एरियर का भुगतान बिना किसी सरकारी आदेश के कई किश्तों में किया गया।
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गलत ढंग से कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने के मामले में विभागीय जांच चल रही है। इस मामले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार