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Shortage of Teachers in Bihar: कटिहार के बलरामपुर प्रखंड के कई विद्यालयों में नहीं हैं शिक्षक, मैट्रिक तक ऐसे हो रही पढ़ाई

Shortage of Teachers in Bihar बिहार के कटिहार जिले के बलरामपुर प्रखंड के कई उत्क्रमित विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। यहां मैट्रिक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को प्राइवेट कोचिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। हालात क्या हैं पढ़ें पूरी खबर...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 05:51 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:51 PM (IST)
Shortage of Teachers in Bihar: कटिहार के बलरामपुर प्रखंड के कई विद्यालयों में नहीं हैं शिक्षक, मैट्रिक तक ऐसे हो रही पढ़ाई
Shortage of Teachers in Bihar: कब मिलेंगे शिक्षक?

संवाद सूत्र, बलरामपुर (कटिहार)। Shortage of Teachers in Bihar: बलरामपुर प्रखंड के विभिन्न उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में बिना शिक्षक के ही मैट्रिक स्तर तक की पढ़ाई हो रही है। इन शिक्षक विहीन माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित बच्चे बिना शिक्षक के ही पढ़ाई कर मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में उच्च विद्यालय की स्थापना तो की गई लेकिन शिक्षक की प्रतिनियुक्ति अधिकांश विद्यालयों में नहीं हो पाई है।

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छह माध्यमिक विद्यालय शिक्षक विहीन: बलरामपुर प्रखंड में कुल तेरह माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें 10 मध्य विद्यालयों को कुछ वर्ष पहले ही माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड किया गया है। इन 10 विद्यालयों में उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कल्याण गांव, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय झलझली, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय चिल्हापाड़ा एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हजियार पलसा में ही माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।

बाकी उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सदियन आदमपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कमरा, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय धूमटोला गंगापुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बालूगंज हिंदी एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मल्लिकपुर में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सदियन आदमपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कमरा एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय धूमटोला गंगापुर में छह से आठ वर्ग के स्नातक ग्रेड शिक्षकों का प्रति नियोजन किया गया है। इन शिक्षकों के प्रति नियोजन से उनके पदस्थापन वाले विद्यालय में भी शिक्षकों की कमी हो गई है।

वहां वर्ग छह से आठ तक के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं मात्र एक शिक्षक के प्रतिनियोजन से भी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। विभाग द्वारा अलग-अलग विषयों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति न कर मध्य विद्यालय के स्नातक ग्रेड शिक्षकों के द्वारा जैसे तैसे काम निकाला जा रहा है।

क्या कहते हैं शिक्षा प्रेमी

बलरामपुर प्रखंड के शिक्षा प्रेमी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक योगेंद्र नाथ पांडेय, विनय कुमार मिश्रा, मेहर इकबाल, राम नारायण दास, नवीन कुमार, प्रदीप भगत, एसके समीरुद्दीन, अधिवक्ता संजय कुमार ङ्क्षसह, दयाल कुमार दास, अब्दुल वदूद आदि ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षक विहीन विद्यालय में भला बच्चे मैट्रिक स्तर की तैयारी कैसे कर सकते हैं। सरकार की कमजोर एवं अदूरदर्शिता वाली नीति के कारण माध्यमिक स्तर की शिक्षा व्यवस्था का ह्रास हो रहा है। सरकार माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर निरंकुश बनी हुई है।

'विभागीय निर्देश पर कुछ शिक्षक विहीन माध्यमिक विद्यालयों में स्नातक ग्रेड के शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है। शिक्षकों की कमी के कारण माध्यमिक स्तर के कुछ विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित हो रही है। उम्मीद है अगले कुछ महीनों में नियोजन प्रक्रिया के माध्यम से माध्यमिक शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके।'- पुष्पदंत सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बलरामपुर


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