चार करोड़ से बने सीएचसी में एक साल बाद भी नहीं पड़े चिकित्सक के कदम, चिकित्सा व्यवस्था का जानिए हाल
कटिहार जिले के बरारी प्रखंड में चिकित्सा व्यवस्था का बुरा हाल है। सरकार ने यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चार करोड़ की लागत से सीएचसी का निर्माण करवाया। लेकिन एक वर्ष बीत गए आज तक यहां चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो सकी।
जागरण संवाददाता, कटिहार । कटिहार जिले के बरारी प्रखंड में चिकित्सा सुविधा का बुरा हाल है। यहां के लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीएचसी को सीएचसी में प्रोन्नत करने की योजना बनाई। करीब चार करोड़ की राशि से भव्य भवन का निर्माण करवाया। सीएचसी के भवन को देख इलाके के लोगों को लगा कि अब यहां चिकित्सकों की नियुक्ति होगी। नए नए उपकरण लगेंगे फिर यहां के लोगों को इलाज के लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा।
सीएम ने एक पूर्व किया है उदघाटन
लेकिन करीब एक वर्ष पूर्व बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का कोई लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा को लेकर करीब चार करोड़ की लागत से निर्मित इस तीस शैय्या वाले अस्पताल का उदघाटन एक वर्ष पूर्व तामझाम के साथ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा पटना से की गई थी। ततपश्चात स्थानीय स्तर पर भी गत वर्ष तीस जनवरी को तत्कालीन सिविल सर्जन की मौजूदगी में सांसद दुलालचंद गोस्वामी व पूर्व विधायक नीरज कुमार द्वारा इसका लोकार्पण किया गया था। इस दौरान मौजूद प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में इसे मील का पत्थर बताते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की बात कही थी।
सीएचसी में 14 विशेषज्ञ चिकित्सकों का पद सृजित पर नियुक्ति नहीं
फिलहाल सारी बातें अब तक निर्मूल रही हैं। सीएचसी में चौदह विशेषज्ञ चिकित्सकों का पद सृजित है, लेकिन अब तक एक भी चिकित्सक की पदस्थापना यहां नहीं हो पाई है। चिकित्सीय उपकरणों में महज एक्स रे जांच की सुविधा यहां हाल फिलहाल मे उपलब्ध कराई गई है । स्वास्थ्य सेवा के नाम पर यहां प्रसव गृह का संचालन किया जाता है। वही कोविड 19 का जांच केंद्र भी स्थापित है। इधर बरारी के रेफरल अस्पताल के जर्जर भवन के कारण इसमें मर्ज पीएचसी को सीएचसी में मर्ज किए जाने की मांग उठने लगी है। पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. मुशर्रफ हुसैन से ने बताया कि सीएचसी के संचालन को लेकर तत्काल राज्यकीय अध्यादेश प्राप्त नहीं है। वरीय अधिकारी के निर्देशानुसार फिलहाल प्रसव गृह का संचालन किया जा रहा है।