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Inspiration: गांव में देखी अशिक्षा तो बच्चों को पढ़ाने लगा TMBU का यह छात्र

Inspiration गांव में गरीब बच्चों की बदहाली और अशिक्षा देख तिमांविवि के छात्र मनीष द्रवित हो जाते थे। उन्हें लगता था कि हमें बच्चों की मदद करना चाहिए। फ‍िर...

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 09:53 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 09:53 AM (IST)
Inspiration: गांव में देखी अशिक्षा तो बच्चों को पढ़ाने लगा TMBU का यह छात्र
Inspiration: गांव में देखी अशिक्षा तो बच्चों को पढ़ाने लगा TMBU का यह छात्र

भागलपुर, जेएनएन। Inspiration : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में पढ़ाई कर रहे मनीष कुमार अनाथालय के बच्चों को अक्षर ज्ञान दे रहे हैं। अक्षर ज्ञान के अलावा बच्चों को किताब-कॉपी, कलम और पेंसिल भी दे रहे हैं। जनवरी से यह सिलसिला लगातार चल रहा है।

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मनीष जब ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे थे, तब राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से जुड़े थे। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगता था। गांव में गरीब बच्चों की बदहाली देख वे द्रवित हो जाते थे। उन्हें लगता था कि हमें बच्चों की मदद करना चाहिए। बच्चों को किस तरह मदद करें, उन्हें समझ नहीं आ रहा था। इसको लेकर वे अपने स्कूली शिक्षक पवन किशोर शरण और कॉलेज के शिक्षक डॉ. अनिरुद्ध प्रसाद के पास कई बार गए। शिक्षकों ने मनीष को बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की सलाह दी। इसके बाद मनीष अनाथालय गया। बच्चों को पढ़ाने को लेकर वहां के सचिव सहजानंद मिश्र से बात की। बच्चों से पढऩे की इच्छा पूछी। बच्चों के हां कहने पर मनीष जनवरी से लगातार बच्चों के बीच जाकर पढ़ा रहे हैं। मनीष ने बताया कि अनाथालय में रह रहे बच्चों को कोई भी बेसिक ज्ञान नहीं था। बच्चे सिर्फ खाने-पीने और सोने का कार्य करते थे। अब उनमें पढऩे की लालसा जगी है। बच्चे अब मेरा इंतजार करने लगे हैं।

मनीष की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। इसके बावजूद वो दूसरों की मदद के लिए लगातार आगे रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान भी वे सक्रिय रहे। बच्चों के पढ़ाने के अलावा गरीब लोगों की मदद के लिए आगे रहे थे। मनीष के स्कूली शिक्षक पवन शरण ने बताया कि मनीष शुरूआती समय में पढ़ाई में कमजोर था, लेकिन हर कार्यक्रम में बढ़चढ़ हिस्सा लेता था। किसी की भी मदद में वह आगे रहता था। वह आज भी गरीबों की मदद कर रहा है। नियमित रूप से अनाथालय जाता है और बच्चों को पढ़ा रहा है। 


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