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Corona effect : एचआइवी किट पहन डॉक्टर कर रहे कोरोना संदिग्धों का इलाज

जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल अधीक्षक से मिलकर पर्सनल पोटेक्ट इक्विपमेंट (पीपीई) और एन-95 मास्क देने की मांग की। वहीं सदर अस्पताल के कर्मचारी भी मास्क नहीं मिलने से भयभीत हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 11:16 AM (IST)
Corona effect : एचआइवी किट पहन डॉक्टर कर रहे कोरोना संदिग्धों का इलाज
Corona effect : एचआइवी किट पहन डॉक्टर कर रहे कोरोना संदिग्धों का इलाज

भागलपुर, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में डॉक्टर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज एचआइवी किट पहन कर रहे हैं। डॉक्टरों में भय है कि कहीं वे खुद ही शिकार न हो जाएं।

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जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल अधीक्षक से मिलकर पर्सनल पोटेक्ट इक्विपमेंट (पीपीई) और एन-95 मास्क देने की मांग की। वहीं सदर अस्पताल के कर्मचारी भी मास्क नहीं मिलने से भयभीत हैं।

अस्पताल के आइसोलेशन विभाग में एचआइवी मरीज के इलाज के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली ड्रेस पहनकर ही कोरोना संदिग्धों का इलाज किया जा रहा है। मायागंज अस्पताल में उपस्थिति बनाकर घर जाने वाले ऐसे तीन डॉक्टरों से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है। अस्पताल के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों का कहना है कि डब्लूएचओ की गाइडलाइन का पालन भी नहीं हो रहा है।

जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल अधीक्षक से सीनियर डॉक्टरों को भी आइसोलेशन विभाग में ड्यूटी देने की मांग की। अधीक्षक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीनियर डॉक्टरों को आइसोलेशन विभाग में ड्यूटी देने का पत्र आया है। सीनियर डॉक्टरों को भी ड्यूटी दी जाएगी। उन्होंने पीपीई ड्रेस के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से बात की। अधिकारी ने बताया कि इसे ट्रक से भेजा गया है। रास्ते में फंसने की वजह से आपूर्ति नहीं हो रही है। दो-तीन दिनों में अस्पताल में पोशाक उपलब्ध हो जाएगी। मास्क नहीं मिलने पर एक जूनियर डॉक्टर मुंह को गमछा से ढककर आए थे। बताया गया कि आइसोलेशन विभाग में बिना ड्रेस के ही ड्यूटी की। इसलिए उन्हें भी 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए। अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि सिर्फ कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों को मास्क दिए जाएंगे।

यहां बता दें कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कोरोना संक्रमित कुछ मरीज भर्ती हैं। साथ ही प्रतिदिन यहां कोरोना संदिग्ध मरीज जांच के लिए आ रहे हैं। इस कारण चिकित्सकों को पूरी तरह सावधनी बरतनी होती है। 


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