बच्चों के साथ खूब मस्ती कर रहे मम्मी-पापा
मम्मी जूस लाओ..। चिप्स खाएंगे..। भैया मोबाइल नहीं दे रहे हैं। शोर-शराबा तीखी नोकझोंक। फिर मम्मी-पापा की डांट और दुलार। इस तरह के शोर आप फिलहाल हर घर में सुन सकते हैं।
भागलपुर। मम्मी जूस लाओ..। चिप्स खाएंगे..। भैया मोबाइल नहीं दे रहे हैं। शोर-शराबा, तीखी नोकझोंक। फिर मम्मी-पापा की डांट और दुलार। इस तरह के शोर आप फिलहाल हर घर में सुन सकते हैं।
दरअसल, कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी स्कूलों में मार्च तक छुट्टी है। ट्यूशन पढ़ाने वाले टीचर भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों की मौज-मस्ती है। घर में बच्चों के कौतूहल से माताओं को गुस्सा भी आता है और बाद में प्यार भी। बच्चों को पढ़ने के लिए कहते हैं, किताबें खोलकर बैठ जाते हैं, इसके बाद फिर शैतानी शुरू हो जाती है।
अहर्म और काविश की मम्मी प्रिया जैन का कहना है कि स्कूल बंद होने से बच्चों की शैतानी बढ़ गई है। इन्हें इस बात की खुशी भी है कि कम से कम बच्चों के साथ रहने का समय भी मिल रहा है। स्कूल खुला रहने से बच्चों को पांच से छह घंटे ही समय दे पाती थी।
मेघा झुनझुनवाला के बच्चे मेहुल और शान्वी भी घर पर ही हैं। स्कूलों में छुट्टी रहने के कारण किताबों पर ध्यान कम और खेलकूद पर ज्यादा है। घर में अचानक शोर-शराबा बढ़ गया है।