Move to Jagran APP

Nirbhaya case : इंसाफ के इंतजार में और भी हैं कई 'निर्भया', सजा के बाद भी फांसी नहीं

nirbhaya case भागलपुर की सात निर्भया अब भी न्‍याय की आस लिए बैठे हैं। अदालत ने इन केस के सभी आरोपितों को फांसी को सजा सुनाई है। लेकिन अब तक किसी को भी फांसी नहीं दी गई।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 08:59 AM (IST)
Nirbhaya case : इंसाफ के इंतजार में और भी हैं कई 'निर्भया', सजा के बाद भी फांसी नहीं
Nirbhaya case : इंसाफ के इंतजार में और भी हैं कई 'निर्भया', सजा के बाद भी फांसी नहीं

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। आठ वर्षो के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया, लेकिन ऐसी कई ‘निर्भयाओं’ के मामले आज भी लंबित पड़े हैं। दुष्कर्म कर हत्या के मामलों में कानूनी पेच का लाभ उठाकर अभियुक्त फांसी को टलवा रहे हैं। पीड़िताओं के परिजन आंखों में आंसू लिए न्याय के लिए आस लगाए बैठे हैं।

loksabha election banner

दुष्कर्म कर हत्या करने के मामलों में सात अभियुक्त अभी शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा, भागलपुर में बंद हैं। इन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। मामला अपील में होने के कारण फांसी का फंदा अभी इनके गले से दूर है। इनमें से दो पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिला अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन ये मामले उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं। दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में 23 फरवरी 2017 को फांसी की सजा पाने वाले सबौर निवासी मुन्ना पांडेय का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। पांच अन्य अभियुक्तों ने पटना उच्च न्यायालय में अपील कर रखी है। 31 मई 2015 को भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र में मुन्ना पांडेय ने पड़ोस की बच्ची को अपने घर में खेलने के बहाने बुला लिया। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने बच्ची की हत्या भी कर दी। शव को उसने पलंग के नीचे छिपाकर रखा था। घटना के बाद मकान बंद कर मुन्ना फरार हो गया था। पड़ोसी के खोजबीन करने पर जब बच्ची नहीं मिली तो मुन्ना के घर का ताला तोड़ा गया। वहां से बच्ची की लाश मिली थी। ऐसे कई जघन्य मामले हैं जिनमें पीड़िताओं के परिजनों को न्याय का इंतजार है।

दुष्कर्म कर हत्या के मामले में इन्हें दी फांसी की गई सजा

मुन्ना पांडेय : 23 फरवरी 2017 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा। पॉक्सो एक्ट भी लगा था।

मनीष मंडल उर्फ नेपाली मंडल : 07 मई 2016 को अपहरण, अप्राकृतिक यौनाचार व हत्या मामले मे दी गई सजा।

ध्रुव सहनी : 15 नवंबर 2017 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

सोनू कुमार : 15 फरवरी 2018 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

प्रशांत कुमार मेहता : 15 फरवरी 2018 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा।

जियाउद्दीन उर्फ धन्नू : 08 मई 2019 को अपहरण, दुष्कर्म व हत्या मामले में सजा। पॉक्सो एक्ट भी लगा था।

रूपेश कुमार मंडल : 15 फरवरी 2018 को दुष्कर्म एवं हत्या मामले में सजा

हत्या के पांच अभियुक्तों को भी फांसी की सजा : पांच अन्य बंदियों को हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई है। इनमें एक ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दी थी, लेकिन वहां से याचिका खारिज हो गई।

जगत राय : 30 अक्टूबर 2009 को हत्या के मामले में सजा। राष्ट्रपति द्वारा क्षमा याचना खारिज कर दी गई। उच्च न्यायालय, नई दिल्ली में रीट पिटिशन द्वारा दंडादेश के कार्यान्वयन पर रोक लगाई गई है। घर में आग लगाकर सात लोगों को जलाकर मारने का है आरोप।

विपत राय उर्फ दीपक राय : 30 अक्टूबर 2009 को हत्या मामले में सजा। दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित।

ओंकारनाथ सिंह उर्फ शेरू सिंह : 16 मई 2016 को हत्या मामले में सजा। उच्च न्यायालय, पटना में मामला लंबित।

अजीत कुमार : 30 जून 2018 को हत्या मामले में सजा। मामला उच्च न्यायालय पटना में लंबित।

निरंजन उर्फ अलखदेव कुमार : 23 जनवरी 2018 को हत्या मामले में सजा। मामला उच्च न्यायालय, पटना में लंबित।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.