Move to Jagran APP

कड़ी सुरक्षा घेरे मयंक अपहरण कांड के सूचक की हुई गवाही

जिले के चर्चित मयंक शुक्ला अपहरण कांड में शुक्रवार को सूचक अभय कुमार शुक्ला की गवाही हुई। अभय मयंक का भाई है। इसी के फर्द बयान पर अपहरण कांड की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अभय को जगदीशपुर स्थित गांव से कड़ी सुरक्षा घेरे में गवाही के लिए लाया गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 10:16 PM (IST)
कड़ी सुरक्षा घेरे मयंक अपहरण कांड के सूचक की हुई गवाही

भागलपुर। जिले के चर्चित मयंक शुक्ला अपहरण कांड में शुक्रवार को सूचक अभय कुमार शुक्ला की गवाही हुई। अभय मयंक का भाई है। इसी के फर्द बयान पर अपहरण कांड की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अभय को जगदीशपुर स्थित गांव से कड़ी सुरक्षा घेरे में गवाही के लिए लाया गया था।

loksabha election banner

नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत में लंबे समय तक उसकी गवाही चली। इस दौरान अभय ने कहा कि मयंक खरमनचक स्थित महेंद्रा शो रूम में नौकरी करता था। 27 अगस्त 2014 को उसे अगवा कर लिया गया था। उसकी खोज के लिए जब शो रूम गए तो पता चला कि मयंक को खोजने 15-20 आदमी आए थे। उनमें से दो-तीन आदमी को वह पहचानता था जिसका नाम अरविंद, चुन्नु, मुकेश आदि था। वे लोग आपस में बात कर रहे थे मयंक को इतना मार लगा है कि वह मर गया होगा। अभय ने अपनी गवाही में कहा कि अरविंद का उसके गांव में रिश्तेदारी है। पड़ोस में भी उनकी रिश्तेदारी है। इसलिए अरविंद के घर उसके भाई मयंक का आना-जाना होता था। अरविंद ने अपनी बेटी के साथ शादी कराने के लिए कई बार दवाब दिया था। अभय ने गवाही में घटनाक्रम को लेकर पूर्व में दिए बयान को दुहराया। यह भी कहा कि उपरोक्त आरोपितों ने उसके भाई मयंक का अपहरण कर उसे कहीं छिपा कर रखा है या उसकी हत्या कर दी है। अपनी गवाही में अभय ने घटना का पूर्ण समर्थन किया। इसके पूर्व छह नवंबर 2019 को गवाह बादल कुमार की गवाही न्यायालय में कड़ी सुरक्षा घेरे में कराई गई थी। उ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.