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टीएमबीयू में इस बार 20 हजार छात्र स्नातक में नहीं ले सकेंगे दाखिला, जानिए क्या है मामला...

टीएमबीयू में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों की इस बार परेशानी बढ़ गई है। नामांकन को लेकर विवि प्रशासन ने अपना पोर्टल बंद कर दिया है। इससे तकरीबन 20 हजार छात्र दाखिला से वंचित रह सकते हैं। पोर्टल खुलने पर ही इन्हें मौका मिलेगा।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:15 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:15 AM (IST)
टीएमबीयू में इस बार 20 हजार छात्र स्नातक में नहीं ले सकेंगे दाखिला, जानिए क्या है मामला...
टीएमबीयू में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों की इस बार परेशानी बढ़ गई है।

भागलपुर [बलराम मिश्र]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में स्नातक की 20000 हजार सीटों पर नामांकन नहीं होगा। इस कारण अब नामांकन की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी बंद कर दिया गया है। इसके लिए टीएमबीयू (TMBU) ने बुधवार को निर्देश जारी कर दिया है। अब जो विद्यार्थी नामांकन के इच्छुक हैं, वे जब तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन नहीं करेेंगे तब तक उनका नामांकन नहीं हो सकेगा।

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रूचि में है कमी

बता दें कि पिछली सत्र में भी 20000 सीटों पर नामांकन से विद्यार्थी वंचित रह गए थे। हालांकि विश्वविद्यालय का दावा है कि चार बार स्नातक नामांकन में आवेदन के लिए पोर्टल खोला गया। इसमें विद्यार्थियों ने आवेदन भी किए, लेकिन भाषायी विषयों में विद्यार्थियों ने अपनी रूचि नहीं दिखाई। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई है। विश्वविद्यालय का दावा है कि पिछले सत्र में भी इस बार की तरह ही भाषायी विषयों में ही सीटें खाली है।

भाषायी विषय की सीटों हैं खाली

जिसमें बांग्ला, पर्सियन, उर्दू मैथिली, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान में आइआरपीएम, दर्शनशास्त्र, गांधी विचार विभाग तथा विज्ञान के भी सांख्यिकी, वनस्पति विज्ञान रसायन शास्त्र, गणित आदि विषय शामिल है। जिन विषयों में सीटें खाली है, उसमें शिक्षकों की भी कमी है। किसी किसी विषय में छात्र नहीं हैं, लेकिन विभाग में शिक्षक और कर्मी हैं।

फर्जीवाड़ा पर लगा लगाम

नामांकन के लिए आवेदन ऑनलाइन हो जाने के कारण पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है। इस वजह से पहले की तरह संबद्ध कुछ कॉलेजों की मनमानी खत्म हो गई। वे लोग कई बार सीटों से ज्यादा ही विद्यार्थियों का नामांकन ले लेते थे। विश्वविद्यालय को मजबूरीवश विद्यार्थियों के हित में उनका नामांकन लेना होता था। यही नहीं सीधी नामांकन प्रक्रिया के कारण अधूरे और फर्जी कागजातों के आधार पर भी कई विद्यार्थी कुछ कॉलेजों में नामांकित हो जाते थे। इस स्थिति पर लगाम मुश्किल था।

केंद्रीयकृत हो गई प्रक्रिया

इसके अलावा नामांकन की प्रक्रिया केंद्रीयकृत हो जाने के कारण कॉलेजों में खाली सीटों के बारे में सारी जानकारियां मिल रही है। पहले ये जानकारियां सार्वजनिक नहीं हो पाती थी। अब ऑनलाइन प्रक्रिया हो जाने के कारण सारी जानकारियों से राजभवन भी अवगत होता है। इससे कुछ कॉलेजों द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े पर लगाम लग सका है।

भाषायी विषयों में करीब 20000 हजार सीटें खाली रह गई है। नामांकन आवेदन के लिए पोर्टल बंद कर दिया गया है। जिन विद्यार्थियों ने आवेदन नहीं किया है, वे अब नामांकन नहीं ले सकेंगे।

- डॉ. राम प्रवेश सिंह, डीएसडब्ल्यू टीएमबीयू

नामांकन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। पहले किन कॉलेजों में कितनी सीटें खाली रहती थी, इसकी जानकारी एक स्थान पर मिलना मुश्किल थी। इस बार भी नामांकन प्रक्रिया बेहतर तरीके से संपन्न हुई है।

- डॉ. केएम सिंह, सीसीडीसी टीएमबीयू 


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