थाना परिसर में हुआ बम विस्फोट, पुलिसकर्मी रह गए हक्के-बक्के Bhagalpur News
भागलपुर में उस समय सनसनी फैल गई जब नाथनगर थाना में बम विस्फोट हो गया। घटना के बाद पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे।
भागलपुर [जेएनएन]। नाथनगर थाने की महिला हाजत के पास मंगलवार की सुबह लगभग नौ बजे पान मसाला के डिब्बे में रखा बम फट गया। बम फटने से कबाड़ चुनने वाली वृद्धा बुलिकी देवी जख्मी हो गई। वृद्धा का दाहिने हाथ की दो अंगुलियां उड़ गई। धमाका इतना तेज था कि पूरा परिसर धुएं से भर गया। घटना होते ही पुलिस वालों के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में वृद्धा को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। उधर, हाजत के बम फटने की सूचना पर एसएसपी भी थाने पहुंचे।
बहरहाल, इस घटना से पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर वृद्धा महिला हाजत तक कैसे पहुंची, कैसे बम परिसर में आया। क्या कोई भी गरीब के भेष में बम लेकर थाने मेें घुस सकता है। ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे जिसका पुलिस को जवाब देना पड़ेगा। हालांकि, पुलिस इस घटना की लीपापोती के लिए अपने अलग तर्क गढ़ रही है। नाथनगर इंस्पेक्टर अली साबरी का कहना है कि वृद्धा करीब 20-25 वर्षों से थाने में आ रही है। वो इधर-उधर घूमकर कबाड़ चुनने का काम करती थी। थाना परिसर में अपनी इच्छा से ही साफ सफाई करती थी। थाने के स्टाफ उसे भोजन भी दे देते थे। सुबह नौ बजे के करीब वो पुरानी महिला हाजत के पास बैठकर एक डिब्बा खोल रही थी, जिसमें बम था। खोलने के दौरान बम विस्फोट हो गया और वृद्ध महिला जख्मी हो गई। अभी उनका इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है और वो खतरे से बाहर है। बम के अवशेष को जब्त कर थाने में रखे गए हैं।
एसएसपी आशीष भारती का कहना है कि बम महिला हाजत के पास कैसे पहुंच गया। इसकी जांच की जा रही है। महिला इधर-उधर घूमकर कागज चुननेे का काम करती थी। डिब्बा समझ कर वह कहीं से अपने साथ लेकर आई और थाना परिसर में कागज चुनने लगी। बहरहाल इसकी जांच की जा रही है।
पहले भी हुई है इस तरह की घटना
थानों में बम विस्फोट की घटना नई नहीं है। नाथनगर के पहले मोजाहिदपुर थाना परिसर में भी 23 जुलाई 2015 को बम धमका हुआ था। जिसमें एक मिस्त्री और एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें पुलिस ने आननफानन में इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बम धमाका उस समय हुआ था जब मजदूर थाना परिसर में बोङ्क्षरग गाडऩे का काम कर रहे थे। थाना में बम धमाका होते ही जवानों में अफरातफरी मच गई थी। जवानों ने हथियार के साथ मोर्चा ले लिया था। लेकिन सच्चाई जानने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।
पहले निष्क्रिय के बजाय जमीन में गाड़ दिया जाता था बम
पूर्व में विभिन्न थाना या ओपी इलाकों में मिलने वाले बमों को निष्क्रिय करने के बजाय जमीन में गाड़ दिया जाता था। ऐसे ही कई बम मोजाहिदपुर, नाथनगर, बबरगंज, विश्वविद्यालय सहित अन्य परिसर में हैं। जो समय समय पर निर्माण कार्य के समय निकलते हैं। ये बम कभी कभी घातक भी सिद्ध होते हैं। पूर्व में ऐसे जमीन में गाड़े गए बमों को ढूंढने के लिए कवायद भी शुरू की गई। लेकिन बम कहां गाड़े गए हैं। इसकी जानकारी नहीं होने के कारण खुदाई में भी दिक्कत होती है। जिस वजह से ये बम समय समय पर विस्फोट होते रहते हैं।