बनना था नहर केनाल और बन गया 800 करोड़ का खेल मैदान
विभाग के लिए यह परियोजना दुधारू गाय बनी हुई है। तीन दशक बाद भी परियोजना पूरा नहीं हो पाया है। 15 फरवरी को अधूरे परियोजना का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन कर दिया।
भागलपुर [जेएनएन]। खबर की हेडिंग पढ़कर आप चौंक गए होंगे। मैं भी नहर केनाल में खेल मैदान देखकर चौंक गया था। यह नहर केनाल बिहार और झारखंड के किसानों के लिए बना था। ताकि उनके खेतों तक सीधे पानी पहुंच सके। योजना का नाम था, बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर सिंचाई परियोजना। परियोजना पर सरकार ने आठ सौ करोड़ रुपये खर्च किए थे। दस माह पूर्व इस परियोजना का विधिवत उद्घाटन भी किया गया। लेकिन नहर केनाल सूखा ही रह गया।
किसानों के खेतों तक पटवन के लिए पानी नहीं पहुंचा पाया। यह केनाल जब किसानों के काम नहीं आया तो खिलाडिय़ों ने इसे खेल मैदान बना दिया। लड़के केनाल में क्रिकेट और बॉलीवाल खेल रहे हैं। तो हो गया न आठ सौ करोड़ का खेल मैदान।
विभाग के लिए यह परियोजना दुधारू गाय बनी हुई है। यही वजह होगी कि तीन दशक बाद भी परियोजना का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। गत 15 फरवरी को अधूरे परियोजना का मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन करा दिया गया। तब कहा गया था कि किसानों की सिंचाई की समस्याएं अब दूर हो गई हैं। जल्द ही झारखंड इलाके में भी सिंचाई उपलब्ध करा दी जाएगी। मुख्य गंगा से केनाल खोद कर पानी का स्टॉक कराकर उद्घाटन की रश्म पूरी की गई थी।
गत अगस्त माह 17 में ही उद्घाटन होना था। लेकिन उद्घाटन के एक रोज पूर्व ही केनाल टूट गया था और एनटीपीसी के सीआइएसएफ कॉलनी और कई गांवों में पानी फैल गया था। इसकी मरम्मत के बाद उद्घाटन कराया गया था। बीच बीच में मोटरपंप चलाकर केनाल में कुछ दूर पानी छोड़कर ट्रायल किया जाता रहा है। अभी तक मुख्य केनाल अकबरपुर गांव के आगे तक ही नहीं बना है। यही नहीं एक भी ब्रांच केनाल नहीं बन पाया है। किसान सूखे और अधूरे पड़े केनाल को देखकर हंस रहे हैं कि कबतक खेतों में सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा। विभाग के किसी अधिकारी को इसकी चिंता नहीं है कि नहर से किसानों को पानी मिल रहा है या नहीं।