बोरिंग से निकल रहा बालू, कंकड़ व मिट्टी
जागरण संवाददाता, भागलपुर : शहर में पेयजल के हाहाकर मचना शुरू हो गया है। कहीं बोरिंग फेल है तो कहीं ब
जागरण संवाददाता, भागलपुर : शहर में पेयजल के हाहाकर मचना शुरू हो गया है। कहीं बोरिंग फेल है तो कहीं बोरिंग से पानी से अधिक मिट्टी, बालू व कंकड़ निकल रहा है। जलापूर्ति शाखा की बोरिंग से निकलने वाला बालू व मिश्रित पानी रूक-रूककर लोगों के घरों तक जा रहा है। नगर निगम की ओर से जलापूर्ति की अबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है। अगर यही स्थिति रही गर्मी बढ़ने पर पेयजल संकट और गहराएगा। जलकल शाखा के अनुसार यही स्थिति रही तो पानी की आपूर्ति कभी बंद हो सकती है।
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नया नहीं है संकट
शहर में पेयजल संकट नई बात नहीं है। जलसंकट को देखते हुए वर्ष 2008 में चार करोड़ की लागत से 31 नलकूप का निर्माण कराया गया। किंतु, योजना में मची लूट की वजह से बनने के साथ ही पांच नलकूपों से मिट्टी व बालू निकलना शुरू हो गया। शेष नलकूप भी कुछेक महीने के अंतराल पर बालू व मिट्टी उगलने लगे। मौजूदा समय में एक भी नलकूप ऐसा नहीं है जिससे बालू व मिट्टी नहीं निकल रहा हो।
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20 की बजाए साढ़े सात व पांच एचपी का चल रहा है मोटर
शहर में 61 नलकूप हैं। इनमें से पांच नलकूप पूरी तरह बंद है। शुरू में सभी नलकूपों में 20 एचपी के मोटर लगाया गया था। किंतु, बो¨रग फेल जो जाने और बालू व मिट्टी से निकलने से अब इन्हें कम क्षमता के मोटर से चलाया जा रहा है। कहीं 10, कहीं साढ़े सात तो कहीं पांच एचपी के मोटर लगाया गया है। इससे नलकूपों की जलापूर्ति क्षमता घटकर एक चौथाई तक रह गयी है।
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कुल वार्ड : 51
कुल नलकूप : 62
कार्यरत नलकूप : 57
बंद नलकूप : 5
नलकूप जो कभी भी बंद हो सकते हैं : 19
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'आठ नलकूपों के निर्माण एवं पाइप लाइन के लिए तीन ग्रुप में टेंडर निकाला गया था। चार नलकूपों के लिए सिंगल टेंडर पड़ा है। शेष चार नलकूप एवं पाइप लाइन के लिए एक भी टेंडर नहीं हुआ है। जलापूर्ति की समस्या को देखते हुए स्थायी समिति में सिंगल टेंडर वाले नलकूप पर चर्चा होगी।'
अवनीश कुमार सिंह
नगर आयुक्त
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लोगों की राय
फोटो
'माणिकपुर का बो¨रग लंबे समय से खराब है। पिछले एक माह माह से जलापूर्ति ठप है। बीच में ठीक कराया गया। किंतु, पांच-छह दिन में फिर खराब हो गया।'
चंद्रशेखर साहा
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'बो¨रग फेल रहने से माणिकपुर, महम्मदाबाद, कमलनगर कॉलोनी, कुतुबगंज, मोहद्दीनगर सहित कुछ अन्य मोहल्ले में गंभीर पेयजल संकट है। लोगों को पीने तक के लिए पानी नहीं मिल रहा है।'
पंकज कुमार वर्मा
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'पहले बो¨रग 20 एचपी के मोटर से चलता था। अभी दस एचपी का मोटर लगा है। बो¨रग से पानी के साथ मिट्टी व बालू निकलता है। गंदा पानी पीना लोगों की विवशता है।'
ऋषभ झा
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'बो¨रग बंद रहने से कई मोहल्ले में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हर बार बो¨रग के लिए टेंडर की बात कही जाती है। किंतु, टेंडर आज तक फाइनल नहीं हुआ है।'
बौआ मिश्रा
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'शहर के सभी बो¨रग की एक जैसी हालत है। लोगों पानी के लिए परेशान हैं। किंतु, इससे न तो पार्षदों को सरोकार है न पदाधिकारियों को मतलब। जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए हैं। टैंकर से अविलंब जलापूर्ति की व्यवस्था होनी चाहिए।'
संतोष कुमार