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पहले दिन 100 सिनाप्सिस का हुआ परीक्षण

जागरण संवाददाता,भागलपुर: अब पीएचडी की राह आसान नहीं रही। 2009 के रेगुलेशन को विवि ने पूरी तरह लागू क

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 01:56 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 01:56 AM (IST)
पहले दिन 100 सिनाप्सिस का हुआ परीक्षण

जागरण संवाददाता,भागलपुर: अब पीएचडी की राह आसान नहीं रही। 2009 के रेगुलेशन को विवि ने पूरी तरह लागू कर दिया है। इस बार से अब इसी रेगुलेशन से पीएचडी करना होगा। शुक्रवार को कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे की अध्यक्षता में आयोजित पीजीआरसी की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। बैठक के पहले दिन सोशल साइंस, एजुकेशन, लॉ एवं कॉमर्स विषयों के सिनाप्सिस का परीक्षण किया गया। करीब 100 सिनाप्सिस का परीक्षण हुआ। सबसे अधिक सिनाप्सिस इतिहास एवं कॉमर्स विषय में जमा हुआ है। पहले दिन पीजीआरसी की बैठक करीब तीन घंटे तक चली। शनिवार को बैठक के दूसरे दिन साइंस एवं मानविकीय विषयों के सिनाप्सिस पर चर्चा होगी । पीजीआरसी की बैठक में सिनाप्सिस होने के बाद ही अभ्यर्थी का पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन होगा। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. एके राय, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अरुण कुमार, रिसर्च सेक्शन की पूरी टीम, लॉ के डीन प्रो. एस के पांडेय, कॉमर्स के डीन प्रो. बीपी सिंह, सोशल साइंस की डीन प्रो. रुखसाना नसर आदि ने भाग लिया।

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अब आसान नहीं रही पीएचडी की राह

2009 के नए रेगुलेशन से पीएचडी की राह अब आसान नहीं रही। पीएचडी करने वाले छात्र को पहले पीआरटी पास करना होगा। बाद में उसके सिनाप्पिस को डीआरसी से मंजूरी मिलेगी। डीआरसी की बैठक में ही सुपरवाइजर का चयन होगा। बाद में डीन के माध्यम से सिनाप्सिस को विवि भेजा जाएगा। छात्र को छह माह का कोर्स वर्क करना होगा। कोर्स वर्क में उसे ए, बी,सी ग्रेड दिया जाएगा। सिनाप्पिस का उसे प्रजेंटेशन करना होगा। चार माह विभाग में तथा दो माह कंप्यूटर का प्रशिक्षण कोर्स वर्क के दौरान लेना होगा।


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