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सरकारी और प्राइवेट मान्यता की त्रासदी झेल रहे कई माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक

संवाद सहयोगी, लाखो (बेगूसराय): राज्य सरकार की दोषपूर्ण नीति के कारण ही राज्य में ऐसे भी कई माध्यम

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 05:00 PM (IST)
सरकारी और प्राइवेट मान्यता की त्रासदी झेल रहे कई माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक
सरकारी और प्राइवेट मान्यता की त्रासदी झेल रहे कई माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक

संवाद सहयोगी, लाखो (बेगूसराय): राज्य सरकार की दोषपूर्ण नीति के कारण ही राज्य में ऐसे भी कई माध्यमिक विद्यालय है,जिनमें पढ़ने वाले बच्चे तो सरकारी हैं लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक न तो सरकारी हैं, न ही प्राइवेट। इन विद्यालयों के शिक्षक सरकारी और प्राइवेट के बीच की त्रासदी झेल रहे हैं। उक्त बातें गुरुवार को कर्पूरी ठाकुर हाई स्कूल लाखो बेगूसराय में आयोजित बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के जिला स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रांतीय संयोजक राज किशोर प्रसाद साधू ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तय किये गए नियमानुसार भूमि, भवन,प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय सहित कई अन्य शर्तो को पूरा करते हुए आवश्यकता वाले क्षेत्रों में जनसहयोग से माध्यमिक विद्यालय तो खुलते रहे और बिहार सरकार द्वारा स्थापना की अनुमति एवं प्रस्वीकृत करती गयी। जिसकी संख्या वर्तमान में 715 हैं। वर्ष 2005 में जब मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने राज्य की सत्ता संभाली, तो वित्तरहित शिक्षा नीति की समाप्ति पर मंथन शुरू हुआ। इसके बाद 19 मई 2009 के कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त 715 माध्यमिक विद्यालयों में भी छात्र-छात्राओं के मैट्रिक रिजल्ट के आधार पर सरकार अनुदान देना शुरू कर दिया। आज इस तरह के विद्यालयों में 9 वीं, एवं 10 वीं कक्षा की पढ़ाई होती है। इनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्रा इस मायने में सरकारी हैं कि इन्हें सरकारी माध्यमिक विद्यालयों की तरह ही सरकारी योजनाओं की सभी सुविधाएं मिल रही है। सरकारी स्कूलों की तरह इन विद्यालयों में भी शिक्षण शुल्क नहीं लिये जाते हैं। लेकिन शिक्षक-कर्मचारियों को सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों के समान न तो वेतनमान देय है और न ही दूसरी सरकारी सुविधाएं ही। इस मौके पर प्रांतीय संयोजक ने कहा कि यदि 715 वित्त अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों की परिसंपत्ति पर गौर करें तो भूमि 3034 एकड़ 27 डी राज्यपाल के नाम हैं। जिसकी अनुमानित मूल्य 64 अरब 57 करोड़ 62 लाख,24 हजार रुपये है। भवन, उपस्कर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, सुरक्षा एवं सामान्य कोष का लागत मूल्य दो अरब 75 करोड़ 55 लाख 30 हजार रुपये यानी कुल परिसम्पत्ति की अनुमानित राशि 67 अरब 33 करोड़ 17 लाख 54 हजार रुपये आंका जा रहा है। वर्तमान में राज्य के कुल 715 अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक - शिक्षकेतर कर्मचारियों की कुल संख्या 8580 हैं। यदि इन्हें नियत वेतनमान दिया जाता है तो 98 करोड़ रुपये सरकार को बजट देना पड़ेगा। जबकि सरकार प्रतिवर्ष 93 करोड़ अनुदान पर खर्च कर रही है। मात्र 5 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय सरकार को करना होगा। जिला के विभिन्न अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों से आये शिक्षकों ने विद्यालयों में सरकार द्वारा शिक्षक बहाली पर रोक लगाये जाने पर भी क्षोभ व्यक्त किया। इस दौरान सम्मेलन की अध्यक्षता कर्पूरी ठाकुर उच्च विद्यालय के प्रभारी एचएम अरविन्द महतो एवं संचालन जिला महासंघ के अध्यक्ष रामदास चौरसिया ने किया। इस दौरान सम्मेलन को सरस्वती उच्च विद्यालय कुम्भी के एचएम रामविलास सहनी श्रीफेकन महतो उच्च विद्यालय बरबीघी के एचएम वीरबहादुर ¨सह, जनता उच्च विद्यालय चौकी के एचएम नागेश्वर मरर, हरिजन उच्च विद्यालय जगदल के रामपदारथ महतो, जनता उच्च विद्यालय सादपुर के भूषण कुमार, राधा भुनेश्वरी उच्च विद्यालय अमारी के चंदन कुमार भारद्वाज, उच्च विद्यालय बिक्रमपुर के अशोक कुमार ¨सह, उच्च विद्यालय राहतपुर के मुन्ना कुमार ¨सह, फिरोज अहमद, सुबोध कुमार, आलोक कुमार,उमेश ¨सह, अमरजीत ¨सह, आदि ने भी संबोधित किया।

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