हड़ताली शिक्षक नेता को कोर्ट से मिली जमानत
बेगूसराय। शिक्षक नेता और तेघड़ा बीईओ के बीच हुए विवाद के बाद जिले में शुरु हुई घमासान का गुरुवार को बेगूसराय कोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया है। 11 बजे से थाना में आवेदन देकर बैठे शिक्षक के आवेदन पर प्राथमिकी नहीं दर्ज कर एक बजे बीईओ के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए तुरंत शिक्षक को गिरफ्तार करने वाले तेघड़ा दारोगा की कोर्ट ने जमकर क्लास लगाई है। अदालत ने दारोगा से धड़ाधड़ ढेर सारे प्रश्न पूछे मगर दारोगा जी उत्तर देने के बजाए बगलें झांकने लगे। न्यायाधीश ने गिरफ्तार शिक्षक नेता को बेल देते हुए दारोगा से कारण पृछा जारी किया है। ज्ञात हो कि बुधवार को तेघड़ा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भुवनेश्वर राय ने तीसरीखूंट बरौनी के शिक्षक चंदन कुमार के खिलाफ गाली-गलौज सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था।
बेगूसराय। शिक्षक नेता और तेघड़ा बीईओ के बीच हुए विवाद के बाद जिले में शुरु हुई घमासान का गुरुवार को बेगूसराय कोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया है। 11 बजे से थाना में आवेदन देकर बैठे शिक्षक के आवेदन पर प्राथमिकी नहीं दर्ज कर एक बजे बीईओ के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए तुरंत शिक्षक को गिरफ्तार करने वाले तेघड़ा दारोगा की कोर्ट ने जमकर क्लास लगाई है। अदालत ने दारोगा से धड़ाधड़ ढेर सारे प्रश्न पूछे, मगर दारोगा जी उत्तर देने के बजाए बगलें झांकने लगे। न्यायाधीश ने गिरफ्तार शिक्षक नेता को बेल देते हुए दारोगा से कारण पृच्छा जारी किया है। ज्ञात हो कि बुधवार को तेघड़ा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भुवनेश्वर राय ने तीसरीखूंट बरौनी के शिक्षक चंदन कुमार के खिलाफ गाली-गलौज, सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ
गुरुवार की सुबह तेघड़ा पुलिस ने गिरफ्तार शिक्षक चंदन कुमार सिंह को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में प्रस्तुत किया। चंदन कुमार सिंह की ओर से दाखिल जमानत आवेदन की सुनवाई शुरु हुई। न्यायाधीश ने मौके पर उपस्थित तेघड़ा थाना के दारोगा से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-41 का पालन करने के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में पूछा तो भरी अदालत में दारोगा जी पसीने-पसीने हो गए। चूंकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि सात साल से कम की सजा वाले केस में आरोपित को गिरफ्तारी से पहले नोटिस दिया जाता है, फिर पुलिस उससे केस में उनसे सहयोग मांगती है। दूसरी सूरत में अगर उसे गिरफ्तार कर भी लिया जाता है तब पुन: पुलिस सहयोग वाली प्रक्रिया अपनाती है। परंतु, तेघड़ा पुलिस ने इसका अनुपालन नहीं किया। जिसके कारण न्यायाधीश ने दारोगा को कारण पृच्छा देने का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी शिक्षक नेता के अधिवक्ता राममूर्ति प्रसाद सिंह, अशोक कुमार राय, शशिभूषण चौधरी, अमरेन्द्र कुमार अमर, गोपाल कुमार, प्रवीण कुमार मिश्रा, मनोज कुमार राय, विनोद कुमार सिंह समेत अन्य अधिवक्ताओं की अपील पर उन्हें दस-दस हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। बहस के दौरान बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेता साकेत कुमार सुमन, रामकल्याण पासवान, अनिल कुमार, राजू सिंह, प्रमोद कुमार, मिलन मिश्रा, रवि कुमार सहित भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित थे।