Move to Jagran APP

खतरनाक बन गया है सिमरिया का गंगा घाट

बेगूसराय। सिमरिया गंगा नदी का स्नान घाट श्रद्धालुओं के स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है। यहां प्रतिमाह एक या उससे अधिक लोगों की डूबने से मौत हो रही है। जिला प्रशासन को प्रतिवर्ष यहां से लगभग एक करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 04:52 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 04:52 PM (IST)
खतरनाक बन गया है सिमरिया का गंगा घाट
खतरनाक बन गया है सिमरिया का गंगा घाट

बेगूसराय। सिमरिया गंगा नदी का स्नान घाट श्रद्धालुओं के स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है। यहां प्रतिमाह एक या उससे अधिक लोगों की डूबने से मौत हो रही है। जिला प्रशासन को प्रतिवर्ष यहां से लगभग एक करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है। बावजूद इसके स्नान घाट को सुरक्षित बनाने के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं है। बताते चलें कि सिमरिया गंगा नदी तट के मुख्य स्नान घाट रामघाट में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। जिला प्रशासन के द्वारा कार्तिक मास को छोड़कर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की जाती। गंगा नदी तट पर न तो बैरिकेडिंग की सुविधा है और न ही गोताखोरों की व्यवस्था। डूबने के बाद मृतक के परिजन स्थानीय गोताखोरों को पैसे देकर नदी से शव निकलवाते हैं। विगत 19 फरवरी को बरौनी ठकुरीचक निवासी राकेश कुमार की मौत मुंडन संस्कार के दौरान गंगा नदी में स्नान करने के दौरान डूबने से हो गई थी। इससे पूर्व इस वर्ष आधा दर्जन लोग डूब चुके हैं। वहीं रविवार को चमथा दियारा निवासी दिलीप राम की डूबने से मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय पंडा समाज के पुरोहित रामशंकर झा, रोचकानंद झा, रामजी झा, दिनेश यादव आदि ने बताया कि पंडा समाज के द्वारा सिमरिया गंगा नदी स्नान घाट पर सीढि़यों का निर्माण, बैरिकेडिंग और गोताखोरों की तैनाती को लेकर जिला प्रशासन के कई बार मांग की गई। परंतु, नतीजा कुछ नहीं निकला। हर वर्ष जिला प्रशासन सिमरिया घाट से राजस्व की वसूली कर रही है। स्थानीय गोताखोर अनिल निषाद, जाटो निषाद, भरत, कृष्णा, सभापति, स्थानीय मुखिया रंजीत कुमार के द्वारा जिला प्रशासन और जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा से सिमरिया गंगा घाट पर गोताखोर की तैनाती की मांग की। उक्त लोगों ने कहा कि कार्तिक मास में जो भी गोताखोर काम करते हैं उनको ससमय मानदेय की राशि नहीं दी जाती है। कुल मिलाकर सिमरिया गंगा नदी तट पर सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। दरभंगा-मधुबनी के साथ-साथ नेपालियों की जुटती है भीड़ :

loksabha election banner

सिमरिया गंगा तट पर स्नान आदि के लिए प्रतिदिन दर्जनों वाहनों से श्रद्धालु आते हैं। सुबह में इस कारण सिमरिया का नजारा बदला रहता है। चारों तरफ केवल गंगा जल लिए श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आती है। यहां प्रतिदिन कई बसों से धार्मिक पर्यटक पहुंचते हैं। इसमें मिथिला क्षेत्र के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल समेत नेपाल के तीर्थयात्रियों की भी भीड़ रहती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.