पंचायत और नगर परिषद के बीच फंसी वार्ड संख्या एक की जनता
बेगूसराय। बरौनी प्रखंड अंतर्गत राजवाड़ा पंचायत के वार्ड एक में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बरौनी प्रखण्ड अंतर्गत आने वाली तत्कालीन नगर परिषद् बीहट व पूर्व के राजवाड़ा पंचायत गाछी टोला वार्ड एक का है जहां की जनता अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर है।
बेगूसराय। बरौनी प्रखंड अंतर्गत राजवाड़ा पंचायत के वार्ड एक में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बरौनी प्रखण्ड अंतर्गत आने वाली तत्कालीन नगर परिषद् बीहट व पूर्व के राजवाड़ा पंचायत गाछी टोला वार्ड एक का है जहां की जनता अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर है। जबकि राजवाड़ा पंचायत शिक्षा के क्षेत्र में जिले में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस गांव में तीन प्राथमिक विद्यालय, एक मध्य विद्यालय, एक उच्च विद्यालय के साथ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अंगीभूत ईकाई एपीएसम कॉलेज के साथ ही कई अन्य निजी विद्यालय एवं शिक्षण संस्थान हैं। लेकिन सरकार की योजनाओं की सुविधाओं से महरूम हैं इस पंचायत के गाछी टोला के हजारों लोग जिनकी सुधी लेने वाला कोई नहीं है।
पूरा वाकया पंचायत से नगर परिषद बीहट के परिसीमन में आने और पुन: परिसीमन से हटाने का :
वर्तमान में नगर परिषद बीहट के वार्ड एक और पूर्व के वार्ड दो के पार्षद दीपक मिश्रा ने क्षेत्र के लोगों की पीड़ा और परिसीमन से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए बताया कि 2011 में नगर परिषद बीहट के रोस्टर में राजवाड़ा पंचायत के सभी वार्ड को परिसीमन के आधार पर शामिल किया गया था जिस समय यह राजवाड़ा पंचायत का यह वार्ड एक था। एक टर्म को पूरा करने के बाद जब 2016 में दुबारा नगर परिषद बीहट का चुनाव हुआ तो नये परिसीमन में इस वार्ड को काट कर हटाया गया जिसमें तत्कालीन समय में इस वार्ड के दो हजार की आबादी में 905 वोटर थे। उहापोह की स्थिति में जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और समाजसेवी द्वारा नगर परिषद से अलग करने का कारण पूछा गया तो तत्कालीन बरौनी प्रखण्ड के बीडीओ ओम राजपूत और सीओ के द्वारा यह कहा गया कि चूंकि यह भू-भाग मालती मौजे और थाना नंबर 477 में रहने के कारण नगर परिषद में समाहित नहीं किया जा सकता है। यह पीपड़ा मालती पंचायत का हिस्सा है। पहली बार के बीहट नगर परिषद चुनाव में राजवाड़ा पंचायत में रहने के कारण इस वार्ड एक को नगर परिषद बीहट में जगह दी गई थी। वोट देने से भी वंचित रहे लोग
लगभग 2000 आबादी वाले इस वार्ड के वोटर पंचायत और नगर परिषद दोनों चुनाव में वोट देने से रहे हैं वंचित। 2016 में जब नगर परिषद परिसीमन से इस क्षेत्र को हटाया गया तो नगर परिषद के चुनाव में इन्होंने वोट देने का अधिकार खो दिया। वहीं तब तक पंचायत चुनाव हो चुका था सो पंचायत चुनाव में भी वोट देने से वंचित रहे इस क्षेत्र के लोग। सभी सरकारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं अभी तक इस क्षेत्र के लोग : वार्ड पार्षद दीपक मिश्रा व पूर्व पार्षद राहुल कुमार डब्लू ने बताया कि पूर्व में आवास और शौचालय के लिए इस क्षेत्र के लाभुकों का नाम प्रस्तावित था लेकिन नये परिसीमन में बीहट नगर परिषद से हटाये जाने के बाद इस क्षेत्र के लोग इस सुविधा के साथ-साथ मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना सहित सभी सरकारी योजनाओं से महरूम हैं। इसके साथ ही जन्म पंजीकरण से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र सहित मिलने वाले अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र के लिए बेबस हैं। इस संबंध में सरकारी सुविधाओं से वंचित महिला उर्मिला देवी, तारणी देवी, कजोम्मा देवी, मिथिलेश देवी, सामा देवी ने वर्तमान बीडीओ को आवेदन के माध्यम से अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। वहीं क्षेत्र के नगर पार्षद दीपक मिश्रा, पूर्व पार्षद राहुल कुमार डब्लू सहित दर्जनों लोगों ने बरौनी बीडीओ और जिलाधिकारी को सरकारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए न्यायोचित कदम उठाने के लिए आवेदन भी दिया है। लेकिन सरकारी स्तर पर पदाधिकारियों द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं की गई है जिससे जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी व ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि वंचित लोगों को सरकारी लाभ नहीं दिया गया तो जनता आंदोलन करने को बाध्य होगी। वहीं नगर परिषद् के स्थायी सशक्त समिति सदस्य दीपक मिश्रा ने बताया है कि अगले चुनाव से पहले परिसीमन में इस क्षेत्र को नगर परिषद में लिये जाने की प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि यह क्षेत्र नगर परिषद बीहट में समाहित हो जाएगा।