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नागपंचमी पर गहबरों व मंदिरों में हुई नागदेवता की पूजा

बेगूसराय प्रखंड क्षेत्र में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालु मंदिरों गबहरों में पह

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 10:20 PM (IST)
नागपंचमी पर गहबरों व मंदिरों में हुई नागदेवता की पूजा

बेगूसराय : प्रखंड क्षेत्र में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालु मंदिरों, गबहरों में पहुंच कर दूध, लावा, झांप आदि चढ़ाकर भगवती की पूजा अर्चना की।

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बलिया एवं डंडारी में नागपंचमी शांति पूर्वक मनाया गया। सुबह से ही श्रद्धालु अपने नजदीक भगवती स्थान एवं विषहरी स्थान पहुंचकर दूध, लावा एवं झांप चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इसको लेकर बलिया नगर के ऊपर टोला स्थित पुरानी भगवती विषहरी स्थान में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई। हालांकि भगवती स्थान चलाने वाली कमेटी कोरोना गाइड लाइन का पालन लोगों से कराते देखे गए। अपने-अपने घरों के आगे गोबर की टिकिया, नीम की डाली और कुश लगाया और पूजा अर्चना कर नीम दही का प्रसाद खाया। इसके बाद घर में बनी पूरी, खीर, आम आदि का भोजन किया।

बखरी में नागपंचमी पर बहुरा मामा की जन्मभूमि चौघटिया इनार (कुआं) सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। नगर परिषद इलाके के वार्ड संख्या 11 में सैकड़ों वर्षों से माता विषहरी की पूजा अर्चना की परंपरा को बहाल रखते हुए इस वर्ष भी पूजा अर्चना की गई। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर माता विषहरी की पूजा की जा रही है, वह जगह साबर मंत्र साधिका बहुरा मामा की जन्मभूमि रही है। सब्जी आढ़त विक्रेता संघ के राजेश सहनी, प्रकाश सहनी, रामचंद्र सहनी, सीताराम महतो, गोपाल सहनी, अरुण सहनी, रामविलास सहनी आदि ने बताया कि वर्षों पूर्व यहां गहबर की स्थापना की गई थी। इसके अलावा गंगरहो, हेमनपुर आदि गांव में भी मंदिर में झांप, बतासा, नारियल आदि चढ़ाकर विषहरी पूजा की गई। हालांकि इस दौरान परंपरागत मेले का आयोजन नहीं किया गया।

गढ़पुरा प्रखंड क्षेत्र में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से संपन्न हुआ। परंतु, कहीं भी कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हुआ। गहबरों में झांप और दूध लावा चढ़ाने के लिए भीड़ लगी रही। रक्सी पोखर से दुनही गांव के भगत द्वारा बड़े-बड़े सांप निकाले गए। भगतों का करतब देखने आस-पड़ोस के लोग भी पहुंचे थे। हालांकि बारिश के कारण भीड़ कम रही। गहबर स्थान में खचाखच भीड़ लगी रही। लोग भगत से अपनी पीड़ा कहकर झाड़ फूंक करवा रहे थे। जानकारी के अनुसार, मालीपुर, हरकपुरा, सुजानपुर, धरमपुर, गढ़पुरा, रक्सी, दुनही, कोरियामा, कुम्हारसो, सोनमा, मौजी हरिसिंह आदि गांव के गहबरों में ब्राह्मण भोजन तथा कुंवारी कन्याओं को भी भोजन कराया गया। कोरियामा गांव स्थित गहबर में बड़ी संख्या में बकड़े की बलि दी गई।

नावकोठी प्रखंड क्षेत्र में नागपंचमी पूजनोत्सव धूमधाम से मनाया गया। हालांकि कोरोना के कारण लोगों के उत्साह में कमी देखी गई। घर की बुजुर्ग महिलाएं भगवती की पूजा अर्चना के बाद परिवार के सदस्यों को नीम का पत्ता और दही का प्रसाद ग्रहण कराया। नावकोठी, हसनपुर बागर, देवपुरा, बभनगामा, चकमुजफ्फर, छतौना आदि भगवती स्थान में भगत करतब दिखाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।

वीरपुर प्रखंड की नौला, डीह, भवानंदपुर, वीरपुर पूर्वी, वीरपुर पश्चिम, गेन्हरपुर, जगदर, पर्रा पंचायतों में स्थित विषहर मंदिर में श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से पूजा अर्चना के साथ नाग देवता को दूध, लावा के अलावा झांप चढ़ाया।

खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के विषहर स्थानों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा पूर्वक दूध, लावा के साथ नाग देवता की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर सभी विषहर स्थानों में श्रद्धालुओं द्वारा लावा और झांप चढ़ाया गया। नागपंचमी को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया। प्रखंड क्षेत्र के दौलतपुर, मोहनपुर, खोदावंदपुर, फफौत, बरियारपुर सहित अनेक विषहर स्थानों में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।

नागपंचमी का पर्व बुधवार को किउल-गढ़हरा, राजवाड़ा, बरौनी एवं आसपास के क्षेत्र में धूमधाम के साथ मनाया गया। शिव के प्रिय नाग देवता का पर्व में घर-घर महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की। शिव मंदिर, विषहरी माता मंदिर एवं माता काली के मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सावन महीने के कृष्णपक्ष पंचमी से आरंभ एवं शुक्ल पक्ष तृतीया को संपन्न होने वाली मिथिला एवं लोक संस्कृति एवं भक्ति का पर्व मधुश्रावणी पूजन भी बुधवार से शुरू हो गया। इस बार 15 दिनों तक मधुश्रावणी पर्व का संयोग है। इसमें प्रतिदिन शाम को नव विवाहित महिलाएं बहन एवं सहेली के साथ फूललोढ़ी रस्म करती हैं।

साहेबपुर कमाल में सनहा पश्चिम स्थित भगवती स्थान (विषहरी स्थान) सहित प्रखंड के सभी विषहरी स्थानों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दूध, लावा एवं झाप चढ़ाने के लिए उमड़ रही थी। श्रद्धालु दही, नीम आदि का भोग लगाकर विषहरी पांच बहनों की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर सनहा पश्चिम स्थित भगवती स्थान के निकट मैदान में ग्रामीणों द्वारा कबड्डी का आयोजन किया गया। नागपंचमी के अवसर पर यहां कबड्डी खेलने की परंपरा वर्षों से रही है।

भगवानपुर प्रखंड के संजात गांव स्थित मां भगवती पूजा समिति द्वारा मंदिर में श्रद्धालुओं ने नाग देवता एवं मां भगवती की पूजा अर्चना की। प्रधान पुजारी बाबूलाल पासवान ने पूजा कराया। मंदिर समिति के सचिव दुखन पासवान, संरक्षक राजपति पासवान ने बताया कि नागपंचमी पर यहां जिले के अलावा सहरसा, पूर्णिया, कटिहार के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र में बुधवार को धूमधाम से नाग पंचमी त्योहार मनाया गया। इस अवसर पर बुधवार की सुबह श्रद्धालु झमटिया गंगा तट पर पहुंचकर गंगा स्नान के पश्चात क्षेत्र के विभिन्न शिव मंदिरों में नाग देवता को दही और नीम के रूप में प्रसाद चढ़ाया एवं पूजा अर्चना की। इस अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में भगतों ने सर्प हाथ में लेकर अपने करतब दिखाए।


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