तेज हवा व बारिश से जनजीवन प्रभावित, धराशायी हुई फसलें
बेगूसराय। इस साल मानसून औसत से काफी ज्यादा बारिश हो चुकी है। लगातार बारिश होने का क्रम अभी भी रुक नहीं पा रही है। विगत दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज रफ्तार हवा धान के सैकड़ों हेक्टेयर खरीफ फसल पर काल बनकर टूटी है। धान की फसल पूरी तरह धराशायी हो गई है।
बेगूसराय। इस साल मानसून औसत से काफी ज्यादा बारिश हो चुकी है। लगातार बारिश होने का क्रम अभी भी रुक नहीं पा रही है। विगत दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज रफ्तार हवा धान के सैकड़ों हेक्टेयर खरीफ फसल पर काल बनकर टूटी है। धान की फसल पूरी तरह धराशायी हो गई है। दूसरी तरफ किसान सलाहकार अपने पंचायतों में हुए फसल नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट बनाने में जुट गए हैं।
हर खेत में तबाही
छौड़ाही के महेंद्र महतो, राजनारायण चौधरी, लोली दास, सोगारथ पंडित, गणेशी दास, दिनेश चौधरी, रामबदन महतो, अंकुर कुमार, आदित्य सिंह, अभिनव सिंह, संतोष यादव आदि ने बताया कि खेत में धान की फसल बर्बाद होते देख रो पड़े। 50 प्रतिशत से ज्यादा धान की बाली में दाना नहीं बन पाएगा। लागत निकलना भी अब मुश्किल लग रहा है।
क्यों है यह स्थिति
वर्षा मापक केंद्र छौड़ाही से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार को 19 एमएम एवं मंगलवार को 37 एमएम कुल 56 एमएम बारिश दो दिनों में रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान 15 से 22 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चल रही है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामकृपालु सिंह बताते हैं कि किसान धान में नाइट्रोजन का ज्यादा प्रयोग करते हैं। जिससे पौधे में बढ़वार काफी होता है और वह तूफानी बारिश को नहीं झेल पाता है। किसानों को नाइट्रोजन के साथ पोटाश का भी समुचित उपयोग फसलों पर करना चाहिए। पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को गिरने से बचाता है। पोटाश के प्रयोग से पौधों की कोशिका दीवारें मोटी होती है। वहीं तने के कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है, जिससे फसल के गिरने में रक्षा होती है।
वीरपुर प्रखंड क्षेत्र में 24 घंटे से रुक रुक कर हो रही बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सबसे अधिक परेशानी किसानों को हो रही है। बारिश के दौरान तेज हवा से धान, सोयाबीन, हारा चारा आदि की फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसान पिटू राय, रामनगीना राय, रितलाल चौरसिया, अनिल सिंह, शंभू सिंह, नाथो सिंह, बाबू साहेब झा आदि ने बताया कि तेज हवा के साथ बारिश से फसल गिरकर बर्बाद हो गई है। कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है।