15 दिन बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सकी वनद्वार के किसानों की जमीन
बेगूसराय। सदर प्रखंड क्षेत्र के वनद्वार पंचायत के करीब 90 किसानों के 60 बीघे जमीन पर महादलित परिवारो
बेगूसराय। सदर प्रखंड क्षेत्र के वनद्वार पंचायत के करीब 90 किसानों के 60 बीघे जमीन पर महादलित परिवारों द्वारा किया गया अवैध कब्जा 15 दिनों बाद भी मुक्त नहीं हो सका है। मामले में जिला प्रशासन की लापरवाही तब उजागर हुई जब पीड़ित किसान अपनी शिकायत लेकर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से गुहार लगाने पटना पहुंचे। पीड़ित किसानों ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को यह बताया गया है कि उनके प्रयास से अब तक 95त्न अतिक्रमित जमीन को अवैध कब्जा धारियों से मुक्त करा दिया गया है जबकि सच्चाई यह है कि आज तक एक धुर जमीन भी अतिक्रमण मुक्त नहीं हुआ है।
लोगों ने यह भी बताया की मंगलवार को जब वे लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसपी से मिलने का प्रयास किया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने एसपी के कार्यालय में नहीं होने की बात कह कर उन्हें टाल दिया गया। एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित किसान कुमुद चौरसिया, जनार्दन शर्मा,गंगा चौरसिया, सुनील चौरसिया, बिपिन, अभिषेक, अनुज, रामचंद्र चौरासिया, महेंद्र चौरासिया, शशिभूषण चौरासिया, रामानुज, धर्मबीर,रमेश, रामबालक चौरसिया आदि ने बताया कि उनकी जमीन पर बीते 26 दिसंबर को नक्सली संगठन के सह पर गांव के मुसहर टोली निवासी महादलित परिवार के लोगों ने उनकी खेतिहर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। 27 दिसंबर को जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने गई पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों पर अतिक्रमणकारियों ने हमला बोला था। जिसमें करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उन लोगों ने सदर अनुमंडल अधिकारी एवं जिलाधिकारी से भी कई बार मिले परंतु जवाब वही ढाक के तीन पात जैसा मिला। थक हार कर उन लोगों ने उपमुख्यमंत्री से मंगलवार की सुबह मिलकर न्याय की गुहार लगाई है उप मुख्यमंत्री के आदेशानुसार ही वह मंगलवार की शाम को करीब 4:00 बजे एसपी से मिलने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। उप मुख्यमंत्री ने खुद बेगुसराय एसपी को ़फोन कर मामले की जानकारी ली। तो वो बताये की 95त्न किसानों की समस्या का समाधान अर्थात कब्जामुक्त हो गया है। तब उपमुख्यमंत्री ने पूछा कि अगर 95त्न किसानों की जमीन अतिक्रमण मुक्त हो चुका है तो 40 किसान लोग यहाँ क्यों पहुँचे है। इस पर एसपी ने किसानों से मंगलवार की शाम को 5 बजे मिलने का समय दिया था। पीड़ित किसानों ने बताया कि अब अगर उनकी जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया तो वह आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।