मानव जीवन परमेश्वर का अनमोल वरदान : अखिलेशानंद
चौरासी लाख योनियों में मानव जीवन अनमोल है।
बेगूसराय। चौरासी लाख योनियों में मानव जीवन अनमोल है। इसे परमपिता परमेश्वर ने सजाया संवारा है। इनके अनुदान एवं वरदान का सोच समझकर उपयोग करने से इसे और भी उत्कृष्ट बनाया जा सकता है। उक्त बातें कथाकार अखिलेशानंद ने मोहिउद्दीनपुर देवपुरा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन संध्याकालीन कथा में कही।
जीव का जबतक परमात्मा से जुड़ाव नहीं होता है तब तक अपूर्ण रहता है। परमात्मा से जुड़ाव होने पर मानव, महामानव तथा देवमानव बन जाता है। कथा को जिस भाव से श्रवण किया जाता है उसी के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला (बाल लीला, गो चारण, गोवर्धन धारण, यमुना क्रीड़ा, गोपियों का वस्त्र चुराना, माखन चोरी, रासलीला आदि) शुभ संदेश देता है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से गो रक्षा एवं गो सेवा करने की अपील की। इस दौरान श्रीकृष्ण विवाहोत्सव से कथा पंडाल गोकुल नगरी बन गया था। आलोक कुमार एवं अन्य साथियों द्वारा प्रस्तुत भजन हम श्याम जी के श्याम जी हमारे हैं.., अमृत है हरिनाम जगत में..आदि गीतों से संपूर्ण वातावरण राधा-कृष्णमय हो गया। विधि व्यवस्था बनाए रखने में राजेंद्र कुमार, ललन कुमार, संजीव कुमार, मनोज कुमार आदि ने सहयोग किया।
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