यज्ञ से होती है आत्म शुद्धि और पर्यावरण की रक्षा
बेगूसराय। यज्ञ से आत्मशुद्धि और पर्यावरण की रक्षा होती है। इसके लिए यज्ञ, भगवान की पूजा और हवन नियमि
बेगूसराय। यज्ञ से आत्मशुद्धि और पर्यावरण की रक्षा होती है। इसके लिए यज्ञ, भगवान की पूजा और हवन नियमित रूप से प्रत्येक व्यक्ति को करने की जरूरत है। इसी तरह से जन्म देने वाले माता-पिता की सेवा करने तथा सूर्योदय से पूर्व उठकर उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने वालों को कभी किसी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती है। उक्त बातें यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के हवन में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य धर्मेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहीं।
उन्होंने सत्कर्मों की याद दिलाते हुए हवन यज्ञ में शामिल लोगों को प्रत्येक वर्ष एक-एक फलदार और छायादार वृक्ष लगाने के लिए भी संकल्प दिलाया। 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की टोली में शांतिकुंज हरिद्वार से आए आचार्य के साथ कर्मकांडी सत्यनारायण स्वामी एवं गायक अनमोल कुमार थे। जिनके दिशा निर्देश में यज्ञ चल रहा है। वहीं यज्ञ के साथ 16 संस्कारों में उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार आदि चल रहे हैं। जबकि संध्या बेला में युग संगीत के साथ प्रज्ञा पुराण कथा का वाचन किया जाएगा।