पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने खुली हवा में ली सांस, 112 दिनों के बाद निकलीं जेल से
नीतीश सरकार में शामिल रहीं मंजू वर्मा ने 112 दिनों के बाद खुली हवा में सांस ली। बुधवार को उन्हें जेल से पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया।
बेगूसराय [जेएनएन]। नीतीश सरकार में शामिल रहीं मंजू वर्मा ने 112 दिनों के बाद खुली हवा में सांस ली। बुधवार को उन्हें जेल से पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया। बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को मंगलवार को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी, लेकिन कागजी खानापूर्ति की वजह से उन्हें आज रिहा किया गया। वे पिछले साल 20 नवंबर से जेल में बंद थीं। बेगूसराय जेल से बाहर आने के बाद मंजू वर्मा ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 17 अगस्त 2018 को सीबीआइ की टीम ने पूर्व मंत्री के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के श्रीपुर पंचायत के अर्जुन टोल स्थित आवास पर छापेमारी की थी। वहां से प्रतिबंधित हथियारों के 50 कारतूस बरामद किए गए थे। घर में अवैध कारतूस रखने के आरोप में सीबीआइ ने चेरिया बरियारपुर थाने में मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मंजू वर्मा को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने 50 गोली के जब्ती मामले में जमानत दी थी।
गौरतलब है कि बालिका गृह यौन उत्पीडऩ के मामले में सीबीआई ने मंजू वर्मा के चेरिया बरियारपुर के पैतृक आवास में छापामारी की थी। जिस क्रम में पूर्व मंत्री के शयन कक्ष में मौजूद एक बक्से से 50 गोली बरामद की गई थी। इस सिलसिले में सीबीआई के डीएसपी ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियुक्त की ओर से वरीय अधिवक्ता जितेन्द्र सिंह एवं अधिवक्ता रणजीत कुमार अपनी दलील में कहा कि जहां से कारतूस की जब्ती हुई है, वहां केवल मंजू वर्मा नहीं रहती थी, बल्कि 50 सदस्यों का संयुक्त परिवार है। कारतूस किसने रखा, यह कहना कठिन है।
बताते चलें कि इसी मामले में मंजू वर्मा के अलावा उनके पति चंदेश्वर वर्मा को भी अभियुक्त बनाया गया था। प्राथमिकी में नाम आने के बाद ही मंजू को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। गौरतलब है कि इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर बना हुआ था, जबकि पुलिस भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी। बाद में मंजू वर्मा और पति चंद्रशेखर वर्मा ने पुलिस दबिश को लेकर कोर्ट में आत्मसर्पण कर दिया था। हालांकि पिछले दिनों कोर्ट के आदेश पर उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही में भी भाग लिया था। वहीं उनकी जमानत याचिका पर पटना हाईकोर्ट में टाइम टू टाइम सुनवाई भी हो रही थी। इस मामले में मंजू के पति को अभी जमानत नहीं मिली है।
खास बात कि इसी साल 31 जनवरी को बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में पेशी के दौरान मंजू वर्मा ने अपना आपा खो दिया था। उन्होंने महिला जज से एक महिला का दर्द समझने की गुहार लगाते हुए कहा था कि या तो मेरे इलाज की समुचित व्यवस्था कराई जाए, नहीं तो मुझे सल्फास दे दिया जाए। इस पर जज ने कहा था कि हमारे हाथ बंधे हैं, जिस पर पूर्व मंत्री ने बिफरते हुए कहा कि हमें बताया जाए किनके हाथ खुले हैं, हम जहां अपना दर्द बयां करें। बहरहाल बुधवार को मंजू वर्मा जेल से बाहर आ गयीं। बाहर आते ही उन्हें मीडिया के समक्ष अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है और इस मामले में वे बरी हो जाएंगे।