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बीज के नाम पर बेचा जा रहा था अनाज, दर्ज हुई प्राथमिकी

बेगूसराय। बीज के नाम पर पूरे राज्य में अनाज की आपूर्ति करने व बीज की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर धांधल

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 04:59 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 04:59 PM (IST)
बीज के नाम पर बेचा जा रहा था अनाज, दर्ज हुई प्राथमिकी
बीज के नाम पर बेचा जा रहा था अनाज, दर्ज हुई प्राथमिकी

बेगूसराय। बीज के नाम पर पूरे राज्य में अनाज की आपूर्ति करने व बीज की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर धांधली बरतने वाली संस्था मे. महालक्ष्मी सीड्स कॉरपोरेशन देवना के प्रोपराइटर गौरी शंकर कुमार पर कृषि विभाग की गाज गिरी है। जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार की जांच में कई तरह की अनियमितता पाए जाने के बाद संस्था के प्रोपराइटर के खिलाफ बिहार राज्य बीज प्रमाणन एजेंसी भागलपुर के प्रभारी उप निदेशक राजेश शर्मा द्वारा बरौनी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। साथ ही जांच प्रतिवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार स्टेट सीड एण्ड आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी पटना के निदेशक अशोक प्रसाद ने संस्था का बीज अभिसंस्करण एवं उत्पादक संस्था निबंधन संबंधी प्रमाण पत्र भी रद कर दिया है। निदेशक ने एजेंसी द्वारा जारी टैग भी पूर्व विवरण के साथ पटना कार्यालय में जमा करने का आदेश संस्था के प्रोपराइटर को दिया है। बताते चलें कि कृषि विभाग द्वारा पूरे राज्य के लिए प्रसंस्करित बीज की आपूर्ति का दायित्व उक्त संस्था को दी गई थी। प्रावधान किया गया था कि संस्था द्वारा निबंधित बीज उत्पादक किसानों से बीज खरीदा जाएगा। किसानों से बीज लेने की सूचना संस्था के लिए प्रतिनियुक्त बीज प्रमाणन निरीक्षक को देने का प्रावधान भी किया गया था। ताकि विभाग द्वारा किसानों तक अनुदानित दर पर प्रसंस्करित बीज मुहैया कराई जा सके। उक्त संस्था के देवना स्थित प्रतिष्ठान में बीज के नाम पर अवैध कार्य करने की सूचना पर हाल ही में जब जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार ने छापेमारी की, तो कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई। एफआइआर के लिए थाना को दिए गए संयुक्त जांच प्रतिवेदन में जांच का हवाला देते हुए कहा गया है कि बीज के लिए मंगाए गए मसूर का न तो किसान वार ब्योरा उपलब्ध था और न ही कोई कागजात दिखाया गया। जांच के दौरान बीज प्रमाणन निरीक्षक की अनुपस्थिति में बीज का पै¨कग व टैग लगाने का कार्य किए जाने की बात भी सामने आई। जांच पदाधिकारी ने कहा है कि संस्था के प्रोपराइटर बीज प्रसंस्करण इकाई पर फर्जी व बिना कागजात के स्थानीय व अन्यत्र मंडी से खाद्यान मसूर लाकर बीज के रुप में परिवर्तित करते हुए पाया गया। जो किसान व राज्य के साथ धोखाधड़ी का मामला है। जांच में आवक बीज से संबंधित पंजी का संधारण भी किया हुआ नहीं पाया गया। संस्था के प्रतिष्ठान पर बीज जांच व देख-रेख के लिए प्रतिनियुक्त् बीज प्रमाणन निरीक्षक शशिकांत कुमार पर भी दायित्व का निर्वहन नहीं करने व मिलीभगत की बात जांच पदाधिकारी ने कही। जिसके कारण बीज प्रमाणन निरीक्षक के खिलाफ भी बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।

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