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75 रुपये का 20 किलो गेहूं बीज व 200 रुपये किसानों को देना होता है डिलीवरी चार्ज

बेगूसराय। इस वर्ष हुए अत्यधिक बारिश से अपने जीविकोपार्जन के एक मात्र साधन खेती की जमीन के डूबे रहने से किसान निराश नहीं बैठे बल्कि जमीन के कुछ हिस्सों को गहरा कर बाकी जमीन को जलभराव को मुक्त करा रबी फसलों की खेती करने में जी जान से जुटे हुए हैं। अपने बाजुओं के दम पर खेती कर रहे किसानों ने गेहूं के बाद अब सारा जोड़ मक्का की खेती पर लगा दिया है। जमीन में पर्याप्त नमी और मौसम का वर्तमान रुख रबी फसलों की अच्छी होने की ओर संकेत कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 06:41 PM (IST)
75 रुपये का 20 किलो गेहूं बीज व 200 रुपये किसानों को देना होता है डिलीवरी चार्ज
75 रुपये का 20 किलो गेहूं बीज व 200 रुपये किसानों को देना होता है डिलीवरी चार्ज

बेगूसराय। इस वर्ष हुए अत्यधिक बारिश से अपने जीविकोपार्जन के एक मात्र साधन खेती की जमीन के डूबे रहने से किसान निराश नहीं बैठे, बल्कि जमीन के कुछ हिस्सों को गहरा कर बाकी जमीन को जलभराव को मुक्त करा रबी फसलों की खेती करने में जी जान से जुटे हुए हैं। अपने बाजुओं के दम पर खेती कर रहे किसानों ने गेहूं के बाद अब सारा जोड़ मक्का की खेती पर लगा दिया है। जमीन में पर्याप्त नमी और मौसम का वर्तमान रुख रबी फसलों की अच्छी होने की ओर संकेत कर रहा है। बस जरूरत है अच्छी और प्रमाणित खाद एवं बीज का प्रयोग किसान करें। कृषि विभाग द्वारा बीजों की आपूर्ति की व्यवस्था है। परंतु, बीज की होम डिलीवरी में मनमाने शुल्क की वसूली और ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था के कारण किसान सरकारी बीज न्यूनतम मात्रा में ले रहे हैं। बाजार में नकली खाद बीज की भरमार है। किसान सतर्कता बरतते हुए प्रमाणित खाद एवं बीज का ही खरीद करें। सरकारी बीज की खरीद मुसीबत का सौदा

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कृषि विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए बीजों की होम डिलीवरी न्यूनतम शुल्क लेकर देने की व्यवस्था की है। इसमें गेहूं होम डिलीवरी शुल्क दो रुपये प्रति किलो एवं दलहन-तिलहन होम डिलीवरी शुल्क पांच रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री तीव्र बीज योजना में 90 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है। परंतु, 20 किलो गेहूं बीज 75 रुपये जबकि 200 रुपये डिलीवरी चार्ज किसानों को देना पड़ा। जबकि 20 किलो बीज की होम डिलीवरी शुल्क 40 रुपये होता है। इससे किसानों में काफी आक्रोश है। छौड़ाही प्रखंड की एकंबा पंचायत के किसान अगनू पासवान, अटेरी पासवान, योगेश्वर दास आदि किसानों ने बताया कि किसान सलाहकार ने कहा कि सिर्फ 40 रुपये में बीज आपके घर पहुंच जाएगा। परंतु, बीज घर पहुंचने के बाद दो सौ रुपये 20 किलो बीज का भाड़ा लिया गया, जो कि हमारे लिए एक महंगा सौदा हुआ। रवि शंकर, विजय कुमार, महेश शर्मा ने बताया कि कृषि विभाग की योजनाओं से वह अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। कहा, ऑनलाइन आवेदन दर्जनों किसानों ने करवाया। ऑनलाइन करने में ही दो सौ रुपये खर्च हो गए। काफी प्रयास के बाद ऑनलाइन हो सका। कहा, चार किलो मसूर बीज 90 प्रतिशत अनुदान के बाद 38 रुपये 40 पैसे का हुआ। इसका होम डिलीवरी शुल्क 50 रुपये, आठ किलो चना बीज 72 रुपये 80 पैसे की जगह 172 रुपये लिया गया। किसान कहते हैं कि खाद बीज गांव घर के दुकान पर विश्वास पर खरीद कर खेती कर रहे हैं। असली नकली बताने और पकड़ने वाले नजर नहीं आ रहे हैं।

इस संबंध में बात करने पर किसान सलाहकार अनिस कुमार बताते हैं कि बिहार बीज निगम लिमिटेड द्वारा विज्ञापन जारी कर दो रुपये प्रति किलो की दर से होम डिलीवरी शुल्क वसूली करना था, परंतु किसानों से मनमाना शुल्क वसूला किया गया है। इसका रसीद भी उपलब्ध है। सारा रिपोर्ट प्रखंड कृषि कार्यालय को समर्पित कर चुके हैं। यह किसानों के साथ सरासर अन्याय है।

कहते हैं कृषि वैज्ञानिक : कृषि वैज्ञानिक डॉ राम कृपाल सिंह बताते हैं कि वर्तमान समय में नकली खाद एवं बीज धड़ल्ले से बिकने की सूचना आ रही है, जिससे शिकार किसान हो रहे हैं। बताया कि प्रशासनिक अधिकारी औचक निरीक्षण कर इस पर काबू करें।


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