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पुलिस और अपराधी के बीच मुठभेड़ से क्षेत्र में सनसनी

बेगूसराय। शनिवार के अपराह्न में थाना क्षेत्र अंतर्गत मेहदाशाहपुर गांव के गर्मी इनार से उत्तर मुशहरी बोन बहियार में पुलिस और अपराधियों के साथ मुठभेड़ के उपरांत क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:06 PM (IST)
पुलिस और अपराधी के बीच मुठभेड़ से क्षेत्र में सनसनी

बेगूसराय। शनिवार के अपराह्न में थाना क्षेत्र अंतर्गत मेहदाशाहपुर गांव के गर्मी इनार से उत्तर मुशहरी बोन बहियार में पुलिस और अपराधियों के साथ मुठभेड़ के उपरांत क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। मुठभेड़ के एक घंटे बाद ही एनकाउंटर स्थल पर पहुंचे डीआइजी मनु महाराज ने घेराबंदी के उपरांत पुलिस बल की तैनाती कर दी थी। रात भर पुलिस का पहरा भी जारी रहा जबकि सुबह होते ही पुलिस की आवाजाही से गांव वालों के बीच किसी अनहोनी की आशंका से दहशत में रहे। जानकारी अनुसार उक्त मोस्ट वांटेड अपराधी सुमंता, धर्मा और बलीराम के एनकाउंटर में मारे जाने से लोगों ने भी राहत की सांस ली है। अपराधियों के द्वारा शराब व गांजे के नशे में आम लोगों के साथ कहासुनी हो जाती थी। लेकिन बुद्धिजीवी जान-माल की सुरक्षा के लिहाज से खामोश रहने में भलाई समझते थे।

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टॉपटेन अपराधी धर्मा का ननिहाल था मेहदाशाहपुर :

मुठभेड़ में मारा गया मोस्ट वांटेड एवं टॉप टेन अपराधियों में शामिल धर्मा यादव मूल रूप से बेगूसराय के मटिहानी थाना क्षेत्र के रामदीरी गांव का रहने वाला था। उसने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धबौली गांव में अपना मकान बना लिया था। अपराध की दुनिया में सक्रिय रहने के कारण भौगोलिक रुप से सुरक्षित एरिया अपने ननिहाल गांव मेहदाशाहपुर में बसेरा बनाया करता था। ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया मुशहरी बोन बहियार इलाके में जो अपराधियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है वहां वह बांस बल्ले का मचान बनाकर रहता था। वहीं साथियों को बुलाकर अपराध को अंजाम देने के उपरांत जश्न मनाया करता था। फलत: खेतों में काम करने वाले किसान खौफ के साए में जीते थे।

नाबालिग बच्चों के हाथ में थमा रहा था हथियार : बीते छह माह से धर्मा मेहदाशाहपुर में गांव के नाबालिग लड़कों को अपराध के दुनिया में कदम रखने के लिए मजबूर कर रहा था। धर्मा और बेगूसराय के सर्वोदय नगर निवासी अभिषेक कुमार उफऱ् सुमंता के बीच गठजोड़ हुआ तो दोनों हथियार की तस्करी के साथ अवैध रूप से महुआ शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों को संरक्षण देकर कमाई करने लगे थे। वहीं छोटे-छोटे नाबालिग लड़कों को प्रलोभन एवं हथियार देकर अपराध की दुनिया में उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा था।

धर्मा और बलिराम उर्फ बलराम में वर्षो का याराना था : एनकाउंटर में मारे गए तीन अपराधियों में एक बलिराम उर्फ बलराम एवं धर्मा की यारी बहुत ही पुरानी थी। वर्ष 2017 में जब धर्मा चेरिया बरियारपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा था उस वक्त पुलिस को हथियार के साथ बलराम भी हाथ लगा था। दोनों शाहपुर से खांजहांपुर होते हुए गुआवाड़ी घाट तक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे। गुआवाड़ी से लेकर कांवर झील टाल क्षेत्र में सक्रिय सहनी ब्रदर्श से गठजोड़ के पीछे बलराम ही था।


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