गढ़पुरा के सोनमा पंचायत में अभी तक नहीं पहुंची बिजली
बेगूसराय। गढ़पुरा प्रखंड के सोनमा पंचायत अंर्तगत वार्ड 15 स्थित महादलित मोहल्लेवासियों को अब तक बिजली रानी के दर्शन नहीं हुए।
बेगूसराय। गढ़पुरा प्रखंड के सोनमा पंचायत अंर्तगत वार्ड 15 स्थित महादलित मोहल्लेवासियों को अब तक बिजली रानी के दर्शन नहीं हुए। यहां के लोग ढिबरी युग में जीने को विवश हैं। स्मार्ट जमाने में लोगों का स्मार्टफोन रखना भी मुश्किल है। मोबाइल चार्ज कराने के लिए इन्हें तीन किलोमीटर दूर बखरी बाजार जाना पड़ता है। चार्ज कराने के लिए भी पांच से दस रुपये देने पड़ते हैं।
ट्रांसफार्मर लगाकर नहीं जोड़ी गई तार : बिजली आपूर्ति के लिए एक वर्ष पूर्व ट्रांसफार्मर लगाया गया है। लेकिन अब तक 11 हजार वोल्ट के तार से कनेक्शन नहीं किया गया है। इस संबंध में मोहल्लेवासी गोरेलाल सदा, नारायण सदा, बालो सदा के अलावा टोला सेवक मनोहर सदा ने बताया कि हमने करीब चार माह पूर्व मंझौल एसडीओ अजीत कुमार से मिलकर ट्रांसफॉर्मर से बिजली आपूर्ति शुरू कराने की मांग की थी। लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मोबाइल चार्ज करने के लिए जाते हैं तीन किलोमीटर दूर : बिजली नहीं रहने से लोगों को मोबाइल चार्ज कराने के लिए तीन किलोमीटर दूर बखरी बाजार जाना पड़ता है। बखरी में चार्ज के बदले प्रति मोबाइल पांच से 10 रुपये देना पड़ता है। मामले में रामसखी देवी, रीना देवी, मीना देवी, पारो देवी, रामनरेश सदा आदि ने बताया कि हमलोग के यहां बिजली नहीं रहने से मोबाइल चार्ज करने में काफी परेशानी होती है। बखरी बाजार के दुकानदार साधारण मोबाइल चार्ज करने में पांच रुपये लेते हैं जबकि स्मार्टफोन चार्ज कराने के 10 रुपये वसूलते हैं। इसके लिए हम लोगों को घंटों बाजार में समय गुजारना पड़ता है।
कहते हैं मोहल्लेवासी : 50 वर्षीय बिरंची सदा ने बताया कि हमलोगों के दादा-परदादा भी इसी जगह पर बसे हुए थे। आज तक हम लोगों के यहां बिजली नहीं आई है। इसी वार्ड के चंडी सदा ने बताया कि मेरे ही वार्ड में सड़क के पार बसे अन्य समुदाय के लोगों के घर में चकाचक रोशनी रहती है परंतु हमलोगों के मोहल्ले को अधिकारी और ठेकेदारों ने यूं ही छोड़ दिए हैं। अमीर सदा बताते हैं कि करीब एक वर्ष पूर्व हमारे वार्ड में झीना सदा के घर के समीप नदी किनारे 63 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया गया था। परंतु उसमें तार नहीं जोड़ा गया। उन्होंने बताया कि तार लगाने के लिए पोल भी गड़ा है। नदी किनारे लगे दूसरे ट्रांसफार्मर तक 11 हजार का तार भी पहुंच चुका है। परंतु हमलोगों के ट्रांसफार्मर तक तार नहीं खींची गई।
बल्ब की रोशनी में पढ़ने को लालायित रहते हैं बच्चे : वर्ग सप्तम की किरण कुमारी, इंटर के छात्र कुंदन कुमार समेत कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि हमलोग बल्ब की रोशनी में पढ़ना चाहते हैं। बगल के मोहल्ले में अन्य समुदाय के बच्चे भी बल्ब की रोशनी में पढ़ते हैं तो हमें भी वहां जाने की इच्छा होती है। काश, मेरे घर भी बिजली जलती।
कहते हैं एसडीओ : मोहल्ले में विद्युत आपूर्ति से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। स्थानीय जेई से पूछ कर बताया जाएगा।
अजीत कुमार, एसडीओ, विद्युत विभाग, मंझौल