गन्ने की खेत से मिला अर्धविक्षिप्त का शव
बेगूसराय। गुरुवार को मेघौल गांव स्थित नगड़ी चौर बांध किनारे गन्ने की खेत से एक अधेड़ अर्द्धविक्षिप्त का शव मिला। पहचान चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के कुंभी डेरा निवासी स्व. राम बदन महतो के 42 वर्षीय पुत्र भूपेंद्र कुमार उर्फ मांगना के रूप में की गई। नगड़ी चौर में शव मिलने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद घटनास्थल पर मेघौल मलमल्ला कुंभी डेरा सकरबासा मुसहरी आदि के ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर खोदावंदपुर पुलिस भी पहुंची। सीमा विवाद को देखते हुए खोदावंदपुर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने चेरिया बरियारपुर पुलिस को भी घटना की सूचना दी। दोनों थानाध्यक्षों ने बातचीत उपरांत खोदावंदपुर पुलिस शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया।
बेगूसराय। गुरुवार को मेघौल गांव स्थित नगड़ी चौर बांध किनारे गन्ने की खेत से एक अधेड़ अर्द्धविक्षिप्त का शव मिला। पहचान चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के कुंभी डेरा निवासी स्व. राम बदन महतो के 42 वर्षीय पुत्र भूपेंद्र कुमार उर्फ मांगना के रूप में की गई। नगड़ी चौर में शव मिलने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। इसके बाद घटनास्थल पर मेघौल, मलमल्ला, कुंभी डेरा, सकरबासा, मुसहरी आदि के ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर खोदावंदपुर पुलिस भी पहुंची। सीमा विवाद को देखते हुए खोदावंदपुर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने चेरिया बरियारपुर पुलिस को भी घटना की सूचना दी। दोनों थानाध्यक्षों ने बातचीत उपरांत खोदावंदपुर पुलिस शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया।
स्वजनों ने बताया कि भूपेंद्र चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के अधीन बढ़कुरबा में अपनी बहन के यहां रहकर मजदूरी करते थे। मंगलवार को बहन से 250 रुपये लेकर वे अपने घर निकले। मंगलवार की देर शाम तक घर नहीं लौटने पर स्वजनों ने बुधवार को काफी खोजबीन की। परंतु, कुछ भी पता नहीं चला। गुरुवार को खोजबीन के क्रम में घास काटने वाले लोगों ने बताया कि एक आदमी का शव नगड़ी चौर स्थित बांध किनारे गन्ने की खेत में पड़ा है। प्रथम ²ष्टया पुलिस स्वभाविक मौत बता रही है। जबकि स्वजन हत्या किए जाने के बात कह रहे हैं। पूर्व में भी हुई थी हत्या की कोशिश
पूर्व में भी भूपेंद्र को जान ने मारने की कोशिश की गई थी। स्वजनों ने बताया कि 15 दिन पूर्व हत्या करने की नीयत से कुछ लोगों ने भूपेंद्र का हाथ पांव बांधकर घर के बगल स्थित पानी से भरे गड्ढे में डाल दिया था, परंतु लोगों ने उसे बचा लिया था। इस घटना की जानकारी भी घरवालों ने चरिया बरियारपुर पुलिस को दी थी। इसको लेकर स्वजन डर के मारे भूपेंद्र को घर से दूर अपनी बहन के यहां भेज दिया था।