तेघड़ा सिविल कोर्ट में सुविधाओं का घोर अभाव
बेगूसराय। तेघड़ा अनुमंडल में सिविल कोर्ट की स्थापना की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों में आस जग
बेगूसराय। तेघड़ा अनुमंडल में सिविल कोर्ट की स्थापना की घोषणा के बाद स्थानीय लोगों में आस जगी थी कि अब उन्हें बेगूसराय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और सभी विवादों का समाधान तेघड़ा में ही हो जाएगा। परंतु, उनकी आशा पूरी नहीं हो पाई। सिविल कोर्ट के उद्घाटन को दो महीने बीतने के बावजूद भी पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां न्यायालय शुल्क के लिए बनाई गई फ्रेंकिग मशीन बेकार पड़ी हुई है। वहीं दूसरी ओर हाजत की व्यवस्था नहीं रहने से कैदियों को वज्र वाहन में ही समय गुजारना पड़ता है। कोर्ट परिसर में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं रहने से कैदियों, पक्षकारों एवं आमलोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं यहां परिवाद पत्र दाखिल करने की व्यवस्था शुरू नहीं किए जाने के कारण जरूरतमंद लोगों को बेगूसराय जाना पड़ रहा है। सब-जज एवं मुंसिफ न्यायालय से संबंधित अभिलेखों को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए उपस्कर का घोर अभाव है। नतीजतन कार्यालय कर्मी महत्वपूर्ण अभिलेखों को फर्श पर अखबार आदि बिछा कर किसी तरह से व्यवस्थित करते रहते हैं। नकल की व्यवस्था नहीं रहने से जरूरतमंद लोगों को तेघड़ा एवं बेगूसराय दोनों जगहों का चक्कर लगाना पड़ता है। इधर अनुमंडल अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राम प्रवेश ¨सह, शशि भूषण भारद्वाज, प्रमोद ¨सह, निरंजन कुमार सिन्हा, अशोक ¨सह, गणेश ¨सह, सुजय कुमार सिन्हा आदि ने सरकार से तेघड़ा सिविल कोर्ट में शीघ्र ही फ्रें¨कग मशीन, हाजत, अभिलेखों के रख-रखाव के लिए उपस्कर आदि कि व्यवस्था कराने की मांग की है ताकि लोगों को परेशानियों से निजात मिल सके।