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जयशंकर ने खेती को बनाया तरक्की का जरिया

बेगूसराय : जिला मुख्यालय का सुदूर देहाती क्षेत्र डंडारी प्रखंड के तेतरी निवासी जयशंकर कुमा

By Edited By: Published: Sat, 23 Jan 2016 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2016 06:57 PM (IST)
जयशंकर ने खेती को बनाया तरक्की का जरिया

बेगूसराय : जिला मुख्यालय का सुदूर देहाती क्षेत्र डंडारी प्रखंड के तेतरी निवासी जयशंकर कुमार ने खेती को अपनी तरक्की का जरिया बनाया। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी वे सरकारी नौकरी की ओर नहीं देखा। उन्होंने समेकित खेती का ऐसा तकनीक अख्तियार किया कि प्रतिवर्ष इससे उन्हें लाखों रूपये की आमदनी होती है। जयशंकर यह कार्य सिर्फ अपने लिए ही नहीं करते हैं। बल्कि अब तक सैकड़ों किसानों को उन्होंने समेकित खेती का गुर सिखाया तथा आज भी किसानों के लिए प्रेरणा के श्रोत बने हैं। रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने करीब एक एकड़ जमीन में तालाब बनवाया। इस तालाब का प्रयोग उन्होंने न सिर्फ मछली पालन के लिए शुरु किया। बल्कि तालाब के पानी में मोती उत्पादन का कार्य भी प्रारंभ कर दिया। यहीं उन्होंने बत्तख व मुर्गी पालन कार्य की भी शुरुआत की। तालाब के चारों ओर भींड पर उन्होंने सैकड़ों फलदार व महोगनी जैसे कीमती लकड़ी वाला पेड़ भी लगाया। उनके द्वारा वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के साथ-साथ बायो गैस का उत्पादन भी किया जाता है, जिससे बिजली उत्पादन के लिए जेनरेटर संचालन का कार्य तो होता ही है। यहां बायो गैस से आटा चक्की भी चलाया जाता है। जयशंकर कहते हैं कि इस गैस के उत्पादन से उनके यहां रसोई गैस व रोशनी की कोई समस्या नहीं रहती है। कहा कि बड़े पैमाने पर हो रहे गैस उत्पादन से गांव में भी सस्ते दर पर प्राकृतिक गैस मुहैया कराने की योजना है। उनके द्वारा अब गैस के बोट¨लग का प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया है। बेहतर कृषि कार्य के लिए उन्हें सरकार द्वारा किसान सम्मान योजना से तो नवाजा ही गया है। राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें कई सम्मान मिल चुका है। वर्षों से सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर आयोजित प्रशिक्षण में वे जिला स्तर से लेकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर किसानों को अपने द्वारा अपनाए गए समेकित खेती के गुर की जानकारी दे चुके हैं। जयशंकर ने कहा कि लोग खेती को घाटा का व्यवसाय मान धीरे-धीरे खेती से मुंह मोड़ने लगे थे। परंतु समेकित खेती के तकनीक ने यह साबित कर दिया कि खेती घाटा का व्यवसाय नहीं है। इसके लिए लोगों में लगन होनी चाहिए। लगन व तकनीक के साथ खेती कर किसान अपनी किस्मत सुधार सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की दशा सुधारने के लिए वे हर संभव प्रयास करते रहेंगे।


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