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Begusarai News: बेगूसराय में पहली बार शुरू हुई मखाना की खेती, एक बीघा खेत में इस किसान ने उगाई फसल

कृषि विभाग ने योजना निर्माण शुरू कर दिया है। जिले के नावकोठी प्रखंड की समसा पंचायत में कामेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा करीब एक बीघा भूमि में मखाना की खेती की गई है। गुरुवार को परियोजना उप निदेशक अजीत कुमार के नेतृत्व में सौ किसानों की टीम खेती का गुर जाना।

By srikrishan mishraEdited By: Umesh KumarPublished: Thu, 15 Sep 2022 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 16 Sep 2022 02:02 AM (IST)
बेगूसराय में पहली बार शुरू हुई मखाना की खेती।

बेगूसराय, जागरण संवाददाता। जिले में पहली बार मखाना की खेती की शुरुआत हुई है। मखाना की खेती की शुरूआत के कारण अब जिले के विभिन्न चौरों का जलजमाव वाला क्षेत्र बेकार नहीं रहेगा। जलजमाव वाले खेतों में अब बड़े पैमाने पर मखाना की खेती होगी।

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इसके लिए कृषि विभाग ने योजना निर्माण शुरू कर दिया है। जिले के नावकोठी प्रखंड की समसा पंचायत में कामेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा करीब एक बीघा भूमि में मखाना की खेती की गई है। गुरुवार को परियोजना उप निदेशक अजीत कुमार के नेतृत्व में सौ किसानों की टीम खेती का गुर जानने पहुंची।

किसानों के दल ने ली जानकारी

यहां किसानों ने मखाना की खेती के तरीकों एवं इससे होनेवाले लाभ की जानकारी ली। मखाना की खेती कर रहे किसान कामेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्होंने एक बीघा जलजमाव वाली भूमि में मखाना की खेती की है।

मछली पालन भी कर सकते हैं किसान

कामेश्वर प्रसाद ने मखाना के बीज, खेती के तरीके एवं मखाना निकालने की जानकारी भी किसानों को दी। उन्होंने कहा कि मखाना के साथ-साथ खेत के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की मछली पालन का कार्य भी किया जा सकता है।

जलभराव वाले क्षेत्र में की जा सकती है खेती

किसानों की टीम के साथ पहुंचे आत्मा के परियोजना उप निदेशक अजीत कुमार ने कहा कि जिले के मंझौल एवं बखरी अनुमंडल क्षेत्र के जलप्लावित क्षेत्रों में आसानी से मखाना की खेती की जा सकती है। इसके लिए इच्छुक किसानों को मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा एवं पूर्णियां में बेहतर प्रशिक्षण दिलवाने की योजना विभाग द्वारा तय की जा रही है।

90 हजार रुपये का हो सकता है लाभ

साथ ही मखाना के प्रोसेसिंग की जानकारी भी किसानों को दी जाएगी, ताकि बेहतर मखाना तैयार हो सके और किसानों को अच्छी आमदनी हो। जानकारी दी कि एक बीघा खेत में मखाना के उत्पादन से किसान को 90 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ हो सकता है। इस अवसर पर प्रखंड तकनीकी प्रबंधक रजनी रानी, रुपेश कुमार आदि मौजूद थे।


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