प्रेमी के साथ चेन्नई भाग गई बिहार की युवती, गर्भवती होकर लौटी तो घर वालों ने नहीं खोला दरवाजा
बेगूसराय निवासी एक युवती अपने प्रेमी के साथ चेन्नई भाग गई। तीन महीने बाद जब लौटी तो घर वालों ने बदनामी के डर से घर का दरवाजा नहीं खोला।
बेगूसराय, जेएनएन। कोरोना के कारण लॉकडाउन में कई तरह की घटनाएं घटी हैं। गुरुवार को मटिहानी प्रखंड के बागडोव गांव से दूसरी जाति के प्रेमी के साथ तीन वर्ष पूर्व घर से भागी युवती गर्भवती होने के बाद गुरुवार की रात चेन्नई से ट्रेन से घर पहुंची। प्रेमी उसके साथ नहीं आया। गांव पहुंचने पर घर वालों ने बदनामी का हवाला देकर उसे घर में नहीं आने दिया। नतीजतन गुरुवार की रात वह मटिहानी प्रखंड मुख्यालय पहुंची, जहां प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में रख दिया गया। शुक्रवार को प्रसव पीड़ा पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। प्रशासन ने उसके घर वालों को भी मना लिया है।
इलाज के बदले पटना रेफर
आठ माह की गर्भवती को शुक्रवार की सुबह पीड़ा होने लगी। उसे तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मटिहानी लाया गया और गंभीर स्थिति को देख सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सुबह सदर अस्पताल पहुंचने पर काफी देर बाद महिला चिकित्सक ने उसे देखा और पटना रेफर कर दिया। साथ में किसी स्वजन के नहीं होने के कारण वह पटना नहीं जा सकी और फिर से उसे मटिहानी क्वारंटाइन सेंटर पहुंचा दिया गया।
स्वजनों को समझा पहुंचाया घर
बीडीओ भुवनेश मिश्र, सीओ उपेंद्र कुमार व थानाध्यक्ष ने स्वजनों को समझाकर उसे किसी तरह घर पहुंचाया। इलाज नहीं होने के कारण शुक्रवार की दोपहर उसे फिर से प्रसव पीड़ा व ब्लीङ्क्षडग होने लगी। उसे फिर मटिहानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और वहां से सदर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां अधिकारियों के प्रयास के बाद उसका इलाज शुरू हो सका। सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आनंद कुमार शर्माा ने कहा कि समय पूर्व प्रसव में होने वाले खतरे को देखते हुए उसे रेफर किया गया था। फिर सदर अस्पताल आई है, तो उसे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि उसके इलाज की पुख्ता व्यवस्था होगी, किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।