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फरार चल रहीं बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने कोर्ट में किया सरेंडर, भेजी गईं जेल

आर्म्स एक्ट में फरार चल रहीं बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उन्हें एक दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 08:41 PM (IST)
फरार चल रहीं बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने कोर्ट में किया सरेंडर, भेजी गईं जेल
फरार चल रहीं बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने कोर्ट में किया सरेंडर, भेजी गईं जेल

बेगूसराय [जेेएनएन]। मुजफ्फरपुर बालिका यौन शोषण कांड में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मंगलवार को नाटकीय अंदाज में मंझौल न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रभात त्रिवेदी ने उन्हें एक दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेज दिया।
आर्म्‍स एक्ट मामले में पूर्व मंत्री की फरारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद पुलिस ने दबाव बढ़ा दिया था। उनके संभावित ठिकानों पर लगातार पुलिस टीमें छापेमारी कर रही थीं। हालांकि सरेंडर नाटकीय ढंग से ही हुआ है। आर्म्‍स एक्ट मामले में उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पहले ही समर्पण कर चुके हैं और जेल में हैं।

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चादर लपेटकर पहुंचीं, कोर्ट में हुईं बेहोश
पूर्व मंत्री मंजू वर्मा सुबह करीब 11.40 बजे स्कॉर्पियो से कोर्ट पहुंचीं। वह सलवार-कुर्ता पहने थीं और चादर लपेटकर मुंह छिपाए हुए थीं। सीधे अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में पहुंचीं और प्रवेश करते ही चक्कर खाकर गिर पड़ीं। न्यायालय कर्मियों व उनके अधिवक्ता ने उन्हें संभाला।
इसके बाद मंझौल रेफरल अस्पताल से डॉक्टर बुलाए गए, वहां डॉक्टरों के नहीं होने से नर्स जांच के लिए पहुंची। डॉक्टरों के गायब होने पर मचे हंगामे के आधे घंटे बाद पांच किलोमीटर दूर चेरिया बरियारपुर पीएचसी से डॉ. सुदर्शन चक्रवर्ती पहुंचे। जांच में सब कुछ सही पाए जाने और होश आने पर न्यायालय की कार्यवाही शुरू हुई। एसीजेएम ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने और जेल भेजने का आदेश दिया।
ना किसी को देखा और न बात की
चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच पुलिस मंजू को बाहर ले गई। बाहर समर्थकों की भीड़ ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। प्रेस प्रतिनिधियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पूर्व मंत्री शॉल से मुंह ढंककर कोर्ट परिसर से बाहर निकलीं और सीधे कैदी वैन में बैठ गईं। उन्होंने ना तो किसी से कोई बात की और ना ही किसी की ओर देखा।


29 अक्टूबर से मंडल कारा में ही बंद हैं पति
पुलिस मंझौल कोर्ट से एक बजे उन्हें लेकर बेगूसराय मंडल कारा पहुंची। जेल में कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें डेढ़ बजे के करीब वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उनके पति चंद्रशेखर वर्मा भी 29 अक्टूबर से इसी जेल में हैं।
क्या है मामला
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीडऩ मामले में सीबीआइ ने पूर्व मंत्री के पटना एवं चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के अर्जुनटोल स्थित आवास पर गत 17 अगस्त को छापेमारी की थी। आवास से प्रतिबंधित हथियारों के 50 कारतूस बरामद होने पर सीबीआइ ने थाने में पूर्व मंत्री एवं पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध प्राथमिकी कराई थी। उनके पति ने 29 अक्टूबर को आत्मसमर्पण किया था।


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