मील का पत्थर साबित होगा एनिमियां मुक्ति का कार्यक्रम : डीएम
बेगूसराय। एनिमियां मुक्त जिला बनाने के लिए आयरन-फोलिक कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। बच्चों में
बेगूसराय। एनिमियां मुक्त जिला बनाने के लिए आयरन-फोलिक कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। बच्चों में तेज दिमाग के लिए शरीर में आवश्यकतानुरूप आयरन एवं फोलिक एसिड होना चाहिए। एनिमियां से बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को एनिमिक होने से बचाने के लिए ही यह कार्यक्रम आरंभ किया है। उक्त बातें बुधवार को जिलाधिकारी राहुल कुमार ने जेके उच्च विद्यालय में बच्चों को आयरन-फोलिक टेबलेट खिलाने के पश्चात सभा को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर डीएम ने कहा कि जिले में यह कार्यक्रम 52 सप्ताह तक चलना है। यह टेबलेट 10 वर्ष से 19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों को खिलाना है। खासकर किशोरियों में माहवारी के बाद एनिमिक होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए किशोर-किशोरियों को इस कार्यक्रम से काफी फायदा होगा। सिविल सर्जन डॉ. बजनदंन शर्मा ने कहा कि जिले में उक्त आयुवर्ग के लडके-लड़कियों को ससमय दवा खिलाने की व्यवस्था की गई है। डीपीएम शैलेश चंद्र ने कहा कि पहले एक लाख की आबादी पर मातृ-शिशु मृत्युदर 205 थी जो अब घटकर 165 रह गई है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य शिशु मृत्युदर को 70 तक लाने का है। इसलिए जिला को एनिमियां मुक्त बनाने के लिए 52 सप्ताह तक यह कार्यक्रम चलेगा जिसका शुभारंभ आज से हुआ है। मौके पर एसीएमओ डॉ. विरेश्वर प्रसाद, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. हरेराम कुमार ¨सह, प्रतिरक्षण के नगर नॉडल पदाधिकारी डॉ. रतीश रमण, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम, डीएएम चतुर्भुज प्रसाद, प्रधानाध्यापक मधु कुमारी, डीसीएम कुणाल कुमार के अलावा केयर इंडिया एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद थे।