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128 की जगह 70 का नियोजन, 58 पद रह गया रिक्त

बेगूसराय। शिक्षक काउंसिलिग की कड़ी में गुरुवार को तीन नगर निकायों में बेसिक ग्रेड के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिग बीपी इंटर स्कूल में हुई। जहां चार हजार अभ्यर्थियों के स्थान पर महज कुछ सौ अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। इन तीनों नगर निकायों में सामान्य व उर्दू के कुल 128 पद रिक्त थे। जिसमें 70 अभ्यर्थी मिले बाकी का 58 पद रिक्त रह गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 07:45 PM (IST)
128 की जगह 70 का नियोजन, 58 पद रह गया रिक्त
128 की जगह 70 का नियोजन, 58 पद रह गया रिक्त

बेगूसराय। शिक्षक काउंसिलिग की कड़ी में गुरुवार को तीन नगर निकायों में बेसिक ग्रेड के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिग बीपी इंटर स्कूल में हुई। जहां चार हजार अभ्यर्थियों के स्थान पर महज कुछ सौ अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। इन तीनों नगर निकायों में सामान्य व उर्दू के कुल 128 पद रिक्त थे। जिसमें 70 अभ्यर्थी मिले, बाकी का 58 पद रिक्त रह गया। उर्दू में सिर्फ नगर निगम को अभ्यर्थी प्राप्त हुए जबकि बीहट और तेघड़ा में उर्दू के सभी पद रिक्त रह गए।

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शिक्षा विभाग के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम के प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग एक से पांच के सामान्य और उर्दू शिक्षक के कुल 58 पद रिक्त थे। यहां पर सामान्य के 43 में 22 और उर्दू के 15 में दो योग्य अभ्यर्थी ही मिले। बाकी के पद रिक्त रह गए। नगर परिषद बीहट में सामान्य के 21 में 14 योग्य अभ्यर्थी मिले। जबकि उर्दू के दो रिक्ति में दोनों रिक्त रह गया। नगर पंचायत तेघड़ा में सामान्य के 42 में 32 अभ्यथियों का चयन हुआ। जबकि उर्दू के पांच पद थे जो पांचों रिक्त रह गए। सामान्य सीट पर दिव्यांग के चयन होने पर हंगामा

बेगूसराय। बीपी स्कूल में नगर निगम नियोजन इकाई द्वारा बेसिक ग्रेड शिक्षक अभ्यार्थियों की काउंसिलिग के दौरान उस समय काफी हंगामा खड़ा हो गया, जब सामान्य की सीट पर एक दिव्यांग का नियोजन कर दिया गया। हंगामा करने वाले का कहना था कि दिव्यांग का किसी भी कोटि में हो सकता है तो जिस कोटि में अभ्यर्थी नहीं हैं उस पर किया जाए, जहां अभ्यर्थी उपस्थित हैं उस पद को दिव्यांग से भरने का कोई औचित्य नहीं है। जबकि नियोजन इकाई का कहना था कि दिव्यांग द्वारा जिस कोटि में आवेदन किया जाएगा, उस कोटि में ही उसका नियोजन होगा, मगर अभ्यर्थी इकाई की बात सुनने को तैयार नहीं हुए और हंगामा करने लगे। जानकारी मिलने पर डीईओ रजनीकांत प्रवीण पहुंचे, उन्होंने भी समझाने की कोशिश की मगर, अभ्यर्थी हंगामा करने लगे, जिस पर डीईओ ने हंगामा करने वालों को बाहर करने की चेतावनी दी तब मामला शांत हुआ। डीईओ ने बताया कि दिव्यांग और स्वतंत्रता सेनानी का कोटा अर्जेंट में आता है। नियोजन के दौरान सबसे पहले इन्हीं दोनों का नियोजन होगा, उसके बाद ही दूसरे का नियोजन किया जाएगा। दिव्यांग और स्वतंत्रता सेनानी के अभ्यर्थी जिस भी कोटि में आवेदन करें या किसी कोटि में आवेदन नहीं करें मगर वे अभ्यर्थी हैं तब भी उन्हें ही प्राथमिकता मिलेगी। शिक्षकों की बात नहीं सुनने पर अभ्यर्थी ने संभाला मोर्चा

हंगामे के दौरान नियोजन इकाई का कार्य संभाल रहे शिक्षक हंगामा और भीड़ को शांत करने का प्रयास कर रहे थे, मगर न तो भीड़ हट रही थी और न हंगामा रुक रहा था। इसी बीच एक शिक्षक अभ्यर्थी ही आपे से बाहर हो गए और उन्होंने चीख-चीख कर बरामदे और खिड़कियों पर जुटी भीड़ को कुछ मिनटों में ही नीचे उतार दिया। हेल्पडेस्क से गायब हो गए प्रतिनियुक्त कर्मी

बीपी स्कूल के मुख्यद्वार के समीप अभ्यर्थियों की मदद के लिए एक हेल्प डेस्क बनाया गया था। कुछ समय तक प्रतिनियुक्त कर्मी यहां पर मुस्तैद दिखे, मगर कुछ घंटे के बाद धीरे-धीरे कर्मी उठकर चले गए। दोपहर करीब एक बजे हेल्प डेस्क पर एक भी कर्मी नहीं बचे। जिसके कारण गेट पर सुरक्षा में तैनात कर्मी और पुलिस के जवान हेल्प डेस्क की कुर्सियों पर आकर आराम करने लगे।


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