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जिलास्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 103 स्कूलों के बच्चों ने पेश की 142 परियोजनाएं

बेगूसराय। 29 वीं जिलास्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन उड़ान इंटरनेशनल स्कूल अंग्रेजी ढाला केशावे में हुआ। उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण डीपीओ राज कमल कुमार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य संयुक्त सचिव डा. सुरेश प्रसाद राय जिलाध्यक्ष उमानंद चौधरी ने सामूहिक रूप से किया। प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य प्रदर्शनी के लिए एक दर्जन परियोजनाओं का चयन किया गया। अतिथियों का स्वागत स्कूल के प्राचार्य दीपक शर्मा ने किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 07:27 PM (IST)
जिलास्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 103 स्कूलों के बच्चों ने पेश की 142 परियोजनाएं

बेगूसराय। 29 वीं जिलास्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन उड़ान इंटरनेशनल स्कूल अंग्रेजी ढाला केशावे में हुआ। उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण, डीपीओ राज कमल कुमार, माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य संयुक्त सचिव डा. सुरेश प्रसाद राय, जिलाध्यक्ष उमानंद चौधरी ने सामूहिक रूप से किया। प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य प्रदर्शनी के लिए एक दर्जन परियोजनाओं का चयन किया गया। अतिथियों का स्वागत स्कूल के प्राचार्य दीपक शर्मा ने किया।

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डीपीओ माध्यमिक राज कमल ने बताया कि इस वर्ष का मुख्य विषय सतत जीवन के लिए विज्ञान था। कुल 103 विद्यालयों से 142 प्रोजेक्ट जिलास्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में आए थे। भाग लेने वालों में सरकारी विद्यालयों की संख्या अधिक थी। डीएवी स्कूल इटावा की छात्रा तान्या सिंह द्वारा ब्लाइंड स्टिक फॉर ब्लाइंड पर्सन, शुभम राज एवं पीयूष कुमार द्वारा स्लिप ब्रेकिग स्पेक्टकल्स, वर्ग नवम की छात्रा चारु के द्वारा कन्वेयर बेल्ट डिश वाशर, कुमारी ज्ञान भारती के द्वारा स्मार्ट सोलर इरिगेशन, उच्च माध्यमिक विद्यालय रचियाही बेगूसराय के द्वारा आपदा से बचाव, मंजेश कुमार द्वारा फ्लोटिग हाउस, श्री विशेश्वर राजकीय उच्च विद्यालय तेघड़ा के छात्राओं ईशा एवं मुस्कान के द्वारा मधुमेह की बीमारी में अंग्रेजी एवं आयुर्वेदिक दवा का तुलनात्मक अध्ययन की प्रदर्शनी लगाई गई थी। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सफल जीवन हेतु पारितंत्र, सामाजिक नवाचार एवं प्रौद्योगिकी, चुंबक की नई अवधारणा, ज्वालामुखी, वर्षा जल संचयन, आयुर्वेदिक चिकित्सा, सौर ऊर्जा, ड्रोन डिफ्यूज डिफेंस सिस्टम, माडलिग डिजाइनिग, सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिग, सोलर कुकर, जलजमाव समस्या एवं समाधान, फ्लाई ऐश से ईंट का निर्माण, कोरोना काउंट स्टूडेंट काउंटिग इजी मेथड, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, मांसाहार बनाम शाकाहार, माडर्न फास्ट फूड बनाम परंपरागत फूड, इकोनामिक डेवलपमेंट, सफल जीवन के लिए माडलिग डिजाइनिग विकास एवं योजना, मेरे गांव में सामुदायिक भवन का निर्माण, स्वस्थ जीवन के लिए आहार योजना, आपदा सूचक यंत्र निर्माण, रोड दुर्घटना से बचाव हेतु मशीन निर्माण, प्रदूषण दूर करने के उपाय, कोरोना का मानव जीवन पर प्रभाव, अतिरिक्त आय स्त्रोत माडल, प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण व नवाचार, भूकंप सूचना स्वचालित मशीन, सड़क रोशनी, स्ट्रीट लाइट, सीढ़ी, खेत, जानवर सुरक्षा, स्तंभ खेती नियम, नहर सुरक्षा आदि परियोजनाएं छात्र छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत किए गए। छात्र छात्राओं ने वर्तमान समय की समस्याओं एवं उनके निदान पर अधिकतर परियोजनाएं बनाई थी। निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो. प्रभु रंजन सिंह, प्रो. गणपति कुमार, डा. कुंदन कुमारी, डा. अनुपम अनुजा, डा. ललिता कुमारी, पुरुषोत्तम कुमार, रामाशीष प्रसाद सिंह, बीके झा, राहुल कुमार आदि शामिल थे। जिला समन्वयक हर्षवर्धन कुमार ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मौके पर बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक हर्षवर्धन कुमार, शैक्षिक समन्वयक प्रो. संजय कुमार, मार्गदर्शक शिक्षक किसलय कुमार, सुकुमार सहनी,विभू ओझा, अमित पांडेय, आरके राय, नीरज तिवारी, विजय कुमार, प्रमोद गुप्ता आदि मौजूद थे।


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