कांवरिया पथ पर सुरक्षाकर्मी को खुद सता रही सुरक्षा की ¨चता
बांका। श्रावणी मेला में कांवरिया की सुरक्षा के लिए लगाये गए सुरक्षाकर्मी और स्वास्थकर्मी की खुद की सुरक्षा भगवान भरोसे होती है।
बांका। श्रावणी मेला में कांवरिया की सुरक्षा के लिए लगाये गए सुरक्षाकर्मी और स्वास्थकर्मी की खुद की सुरक्षा भगवान भरोसे होती है। बिहार सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक कांवरिया के लिए इनके कामों की समीक्षा के लिए कई पदाधिकारी निरीक्षण में आते है और अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई भी करते है। पर इस एक महीने तक इनके साथ क्या क्या परेशानी होती है। इसे जानने का किसी ने कोई प्रयास नहीं किया।
सुरक्षाकर्मी को रहने के नाम पर सिर्फ एक फटा तंबू दे दिया गया है। जिसमें आदमी तो क्या जानवर भी रहना नहीं चाहेगा। कांवरिया पथ पर लगे कपड़े के फटे इस तम्बू में सोने बैठने खाने और रौशनी की कोई व्यवस्था नहीं होने से यह तम्बू सावन भर खाली रहता है। या जानवरों का बसेरा बनता है। अधिकतर तम्बू खेतों या जंगलों के बीच बने है। जहा सांप बिच्छु का डर हमेशा बना रहता है। यही हाल चिकित्साकर्मियों का भी है। एक ही कमरे में नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी का रहना संभव नहीं है। इसलिए वे भी भाड़े के कमरे में रह कर इस एक माह का समय व्यतीत करते है। कुछ चिकित्सक और सुरक्षाकर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार और जिला के किसी अधिकारी ने यह जानने का प्रयास नहीं किया है।