राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा धर्म: आचार्य भवेश
बांका। नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव का रंग अब परवान चढ़ने लगा है। गढ़ीनाथ शिव मंदिर परिसर पंजवारा में आयोजित कथा महोत्सव के छठे दिन कथावाचक आचार्य भवेश चौबे ने शनिवार को भगवान राम, मैया सीता व भ्राता लक्ष्मण संग वन गमन की कथा सुनाई।
बांका। नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव का रंग अब परवान चढ़ने लगा है। गढ़ीनाथ शिव मंदिर परिसर पंजवारा में आयोजित कथा महोत्सव के छठे दिन कथावाचक आचार्य भवेश चौबे ने शनिवार को भगवान राम, मैया सीता व भ्राता लक्ष्मण संग वन गमन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि विधि का विधान कोई नहीं टाल सकता। अपने अपने नसीब से सबको यहां करनी का फल भोगना पड़ता है। अपना देश भारत विविधता में एकता की अनूठी मिसाल है। यहां कई अलग अलग धर्मों को मानने वाले लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। हर किसी को अपना धर्म मानने की आजादी है। लेकिन, राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं। हमें दीन दुखियों और पीड़ितों पर दया का भाव रखना चाहिए। सरस संगीतमय कथा को भक्ति गीतों के माध्यम से सुमधुर बनाने में ऑर्गन पर गोपाल गोपी, पैड पर निखिल भारद्वाज व नाल पर ललन झा अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। कथा महोत्सव को सफल बनाने में आयोजन समिति के मनोज बाबा, चून्नू बाबा, दिलीप तिवारी, कृपाशंकर भगत, अतुल दुबे आदि जुटे हुए हैं।