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पिछले साल की बारिश भी पीछे छूटी

बांका। लॉकडाउन के कारण पिछले साल जिला में बारिश का रिकार्ड कायम हुआ था। जिला में 10 साल में सबसे अधिक 12 सौ मिमी के करीब बारिश हो गई थी जबकि जिला का सामान्य वार्षिक वर्षापात 1156 मिमी है। पिछले 10 सालों में 2014 को छोड़कर जिला में हर बार सामान्य से कम बारिश हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 10:10 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 10:13 PM (IST)
पिछले साल की बारिश भी पीछे छूटी

बांका। लॉकडाउन के कारण पिछले साल जिला में बारिश का रिकार्ड कायम हुआ था। जिला में 10 साल में सबसे अधिक 12 सौ मिमी के करीब बारिश हो गई थी, जबकि जिला का सामान्य वार्षिक वर्षापात 1156 मिमी है। पिछले 10 सालों में 2014 को छोड़कर जिला में हर बार सामान्य से कम बारिश हुई। हर साल बारिश का आंकड़ा कम हो रहा था। 2020 वर्षों बाद बारिश का सारा रिकार्ड तोड़ 1196 मिमी बरस गया। इस बारिश से जिला पानी-पानी हो गया था। धान की खेती भी खूब हुई। अब 2021 का साल 2020 पर भी भारी पड़ता दिख रहा है। पहले दो महीने की बारिश ने ही अब तक का सारा रिकार्ड तोड़ दिया है। पहले मई में 176.5 मिमी बारिश हो गई। मई का सामान्य वर्षापात केवल 56 मिमी है। इससे पहले केवल 2014 और 2020 में ही क्रमश: 125.4 और 125.46 मिमी बारिश हुई थी। इस बार का मई इस दोनों बड़े आंकड़ों को पार कर 176.5 पर पहुंच गया। मई की बारिश का रिकार्ड टूटने के बाद जून भी चुप नहीं बैठा है। पहले 17 दिन में ही 164 मिमी पानी बरस गया है। 16 जून को 25.3 मिमी तो 17 जून को 29.6 मिमी पानी बरस गया। शुक्रवार की बारिश से जून का आंकड़ा 170 मिमी पार हो गया है, जबकि जून का सामान्य वर्षापात 171 मिमी ही है। यानी आधा जून में ही पूरा जून इतना पानी बरस गया है। अब बचे 12 दिन में थोड़ा भी पानी पड़ा तो जून की बारिश का भी सारा रिकार्ड टूट जाएगा।

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20 किमी की रफ्तार से बहती रही पूरबा

छह दिनों से लगातार जारी बारिश के बाद जिला में गुरुवार को बादल रहम करता दिखा। एक-दो स्थानों पर ही बारिश हुई। बाकी हिस्सों में किसी वक्त थोड़ी सी फुहार उड़ गई। बारिश रूक जाने से चांदन नदी का डायवर्जन भी बच गया। वैसे प्रशासनिक दल इसे बचाने के लिए लगातार कैंप कर रहा है। सुबह पानी का दबाव इस डायवर्जन पर काफी बढ़ गया था, मगर दोपहर बाद दवाब कुछ कम हो गया है। इससे आम लोगों के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। चांदन डैम का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। अब एक से दो दिन में इसके भर जाने की संभावना है।

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कोट

जिला में मानसून अब भी सक्रिय है। हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। सामान्य से अधिक बारिश किसानों के लिए अच्छी खबर है। किसान धान की खेती में जुट जाएं। जिस किसानों ने अभी बिचड़ा नहीं डाला है वे इस बारिश का लाभ लेकर अविलंब पूरा कर लें।

मुनेश्वर प्रसाद, समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र


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