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पराली से तैयार होगा चारा, किसान होंगे मालामाल

बांका। पराली का प्रबंधन कर किसान मालामाल होंगे। उन्हें खेतों में पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। वे अब इससे सीधे पशु चारा तैयार कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के बाद न सिर्फ पशुओं को आहार मिलेगा बल्कि किसानों को भी फायदा होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:29 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:29 PM (IST)
पराली से तैयार होगा चारा, किसान होंगे मालामाल
पराली से तैयार होगा चारा, किसान होंगे मालामाल

बांका। पराली का प्रबंधन कर किसान मालामाल होंगे। उन्हें खेतों में पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। वे अब इससे सीधे पशु चारा तैयार कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के बाद न सिर्फ पशुओं को आहार मिलेगा बल्कि किसानों को भी फायदा होगा। ये बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहाने के कही। वे मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र बांका में किसान सह विज्ञानी मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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डा. सोहाने ने कहा कि पराली प्रबंधन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही खेतों की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी। पराली से चारा तैयार करना बेहद आसान है। इसके लिए बीएयू की ओर से किसानों को हर संभव तकनीकी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही उन्होंने खेती में तकनीक और मशीनीकरण के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग पर बल दिया।

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बांका में हो चुका है सफल प्रयोग

पराली प्रबंधन को लेकर बांका में सफल प्रयोग हो चुका है। बीएयू के सहयोग से मौसम अनुकूल चयनित गांवों में पराली प्रबंधन किया जा चुका है। और इससे किसानों को फायदा भी हुआ है। केविके के वरीय विज्ञानी डा. मुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

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किसानों को दिया जा रहा योजनाओं का लाभ

जिला कृषि पदाधिकारी विष्णुदेव कुमार रंजन ने बताया कि किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। साथ ही जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का भ्रमण भी कराया जा रहा है।

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नौनो यूरिया के प्रयोग पर दिया जोर

मृदा विज्ञानी संजय कुमार मंडल ने कहा कि नैनो यूरिया किसानों के लिए बेहद खास है। इसका उपयोग दाने दार यूरिया से अधिक फायदे मंद है। साथ ही यह सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल है। कार्यक्रम के दौरान सहायक निदेशक उद्यान डा. अमृता कुमारी ने मधुमक्खी पालन एवं लेमन ग्रास की खेती के बारे में जानकारी दी। इस दौरान मंच संचालन जुबुली साहू ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डा. धर्मेंद्र कुमार ने किया। कार्यक्रम के दौरान किसानों के लाईव संबोधन को भी सुना।


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