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लोस चुनाव में बैलगाड़ी से नामांकन कर चर्चा में आए थे प्रवीण

बांका। 2004 के लोकसभा चुनाव के नामांकन में बैलगाड़ी जुलूस निकाल कर प्रवीण झा पहली बार चर्चा में आए थे। दो दर्जन के करीब सजी बैलगाड़ी वाला नामांकन जुलूस पहली बार निकलने पर मीडिया में खूब सुर्खियों में रही। इस चुनाव में प्रवीण को वोट अधिक नहीं आया लेकिन जिला भर में पहचान बन गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 09:59 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:59 PM (IST)
लोस चुनाव में बैलगाड़ी से नामांकन कर चर्चा में आए थे प्रवीण
लोस चुनाव में बैलगाड़ी से नामांकन कर चर्चा में आए थे प्रवीण

बांका। 2004 के लोकसभा चुनाव के नामांकन में बैलगाड़ी जुलूस निकाल कर प्रवीण झा पहली बार चर्चा में आए थे। दो दर्जन के करीब सजी बैलगाड़ी वाला नामांकन जुलूस पहली बार निकलने पर मीडिया में खूब सुर्खियों में रही। इस चुनाव में प्रवीण को वोट अधिक नहीं आया, लेकिन जिला भर में पहचान बन गई। इसके बाद सूचना अधिकार कानून आने के बाद उन्होंने जिला भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ इसे हथियार बनाया।

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बांका में डीडीसी आवास और यात्री शेड, मंत्री सुरेंद्र सिंह कुशवाहा की सड़क का कई भ्रष्टाचार सामने लाया। इसके बाद 2009 में अपने पंचायत भरको में डीलर के अनाज खा जाने पर इस हथियार का इस्तेमाल किया। इसमें मामला सामने आया कि कई महीना उठाव के बाद भी अनाज का वितरण नहीं किया। इसके बाद डीलर राजीव चौधरी का एसडीओ ने लाइसेंस ही रद कर दिया। इसके लिए प्रवीण ने भरको की जनता के साथ जिला मुख्यालय तक में आंदोलन किया था। इसके बाद से ही प्रवीण झा, राजीव चौधरी के निशाने पर आ गए। -------------------

शराब बेचने में भी राजीव का मकान हो चुका है जब्त

डीलरी छिन जाने के बाद राजीव चौधरी शराब के अवैध कारोबार से जुड़ गए। शराब से भी अकूत संपत्ति जमा कर ली। भरको बाजार में बड़ा घर बनाया। इसी बीच वह शराब स्टाक करने में पकड़ा गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके घर का राजसात करने का निर्णय हाल के दिनों में लिया है। इसमें उसका घर सील कर दिया गया है। राजीव और उसके परिवार को इस बात की खुन्नस थी। प्रवीण के चलते ही उसकी डीलरी गई और उसके मुखिया रहते उसके घर जब्त हो गया।

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लोकसभा और विधानसभा का चार-चार चुनाव लड़े बने मुखिया

2016 के पंचायत चुनाव में मुखिया बन प्रवीण झा ने बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को चौका दिया था। भरको हर बार हाई प्रोफाइल सीट रहा है। इस बार भी उसका समीकरण मजबूत बना दिख रहा था। इसके पहले प्रवीण चार बार लोकसभा और चार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा के एक चुनाव में उसका नामांकन रद हो गया था। जबकि एक बार 16 प्रत्याशी हो जाने पर दूसरे ईवीएम की आवश्यकता पर सरकारी खर्च बचाने के लिए उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था।

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राजीव और बोलेरो चला रहा बेटा अमरदीप नामजद

पुलिस ने प्रवीण की भांजी के फर्द बयान पर इस मामले का केस दर्ज करा रहा है। इसमें पूर्व डीलर और शराब तस्कर राजीव चौधरी को नामजद किया जा रहा है। इसके अलावा बोलेरो चला रहे उसके पुत्र अमरदीप चौधरी और नीरज चौधरी के अलावा एक अन्य व्यक्ति को नामजद किया है। घटना के बाद कुछ दूरी पर ग्रामीणों ने बोलेरो को भी पकड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया है। चालक उसका पुत्र फरार हो गया है। प्रवीण ने खुद शादी नहीं की है। घर का बूढ़ा पिता रहता है।

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प्रवीण की मौत से आक्रोशित जनता से घर पर बोला हमला

प्रवीण की मौत से गुस्साई भरको की जनता और बाजा के ग्रामीणों ने देर शाम राजीव चौधरी के घर पर हमला बोल दिया है। इसे क्षतिग्रस्त कर दिया है। इधर घटना के विरोध में देर रात तक शंभुगंज सड़क जाम है। एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर सुबोध राव, थानेदार के साथ बड़ी संख्या में पुलिस वहां पहुंच इसकी जांच कर रहे हैं।


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