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सूर्यदेव मंदिर में पूजा का विशेष महत्व

बांका। छठ महापर्व को लेकर जिले भर में व्रतियों व श्रद्धालु भगवान सूर्य देव की उपासना में जुट गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 09:42 PM (IST)
सूर्यदेव मंदिर में पूजा का विशेष महत्व

बांका। छठ महापर्व को लेकर जिले भर में व्रतियों व श्रद्धालु भगवान सूर्य देव की उपासना में जुट गए हैं। इस त्योहार पर शहर में सूर्य देव मंदिर का विशेष महत्व है। जिसकी महत्ता छठ पर्व के दौरान काफी बढ़ जाती है। यहां डूबते एवं उगते सूर्य को अ‌र्ध्य दान देने के साथ ही चांदन नदी तट के एमआरडी छठ घाट एवं गैस गोदाम छठ घाट पर स्थित सूर्य देव मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए व्रतियों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इस दौरान यहां उत्सवी माहौल के बीच मेले का भी आयोजन होता है। जहां, खास कर बच्चे व महिलाएं मेले का आनंद उठाती हैं।

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18 साल पुराना है अलीगंज सूर्य मंदिर :

शहर में अलीगंज गैस गोदाम के करीब स्थित सूर्य मंदिर का इतिहास 18 साल पुराना है। जिसकी स्थापना शहर के व्यवसायी कन्हाय राम डोकानियां ने कराई थी। तब से यहां सूर्य मंदिर में पूजा-अर्चना की परंपरा चली आ रही है। खासकर छठ पर्व के दौरान विशेष पूजा अर्चना के साथ ही अष्टायाम व संकीर्तन का आयोजन किया जाता है। वहीं चांदन नदी तट पर किनारे एमआरडी सूर्य देव मंदिर की स्थापना दस साल पूर्व अमर कुमार मिश्रा ने अपने पिता और माता की स्मृति में बनवाया है। तब से यहां शहरवासी सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। यहां भी छठ में मेले का आयोजन किया जाता है। दोनों सूर्य मंदिर के रंगरोगन के साथ उसके साज सज्जा का काम पूरा किया जा रहा है। सभी सूर्य मंदिरों में मंगलवार को भगवान भाष्कर की प्रतिमा प्रतिस्थापित की जाएगी। इसके लिए करहरिया के कलाकारों ने सूर्य देव की प्रतिमा को अंतिम रूप दे दिया है।


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