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पुलवामा में शहीद जवान चन्द्रशेखर का शव सिउड़ी पहुंचा, मचा कोहराम

बांका। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा त्राल में तैनात सीआरपीएफ जवान चन्द्रशेखर की मंगलवार को मौत के बाद गुरुवार को पैतृक गांव धन्नीचक उसका शव पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 10:36 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 10:36 PM (IST)
पुलवामा में शहीद जवान चन्द्रशेखर का शव सिउड़ी पहुंचा, मचा कोहराम
पुलवामा में शहीद जवान चन्द्रशेखर का शव सिउड़ी पहुंचा, मचा कोहराम

बांका। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा त्राल में तैनात सीआरपीएफ जवान चन्द्रशेखर की मंगलवार को मौत के बाद गुरुवार को पैतृक गांव धन्नीचक उसका शव पहुंचा। जवान का शव पहुंचने की सूचना पर पूर्व से शोभानपुर, कुमरखाल, बलूआ, चोरवैय, बैदाडीह, सिहुड़ी, कटोरिया सहित आसपास के गांवों के लगभग तीन हजार से अधिक लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। सेना के वाहन से शहीद चंद्रशेखर का शव थाना परिसर पहुंचा। जहां पूर्व से लोग थाना के बाहर जमा थे और शव पहुंचने के साथ शहीद चंद्रशेखर अमर रहे के नारा से पुरा शहर गुंजायमान हो उठा। सीआरपीएफ जवान ने थाना में कागजी प्रक्रिया की औपचारिकता पूरी कर शव को वाहन से पैतृक गांव धन्नीचक के लिए निकले। इसी दौरान लोजपा नेता डॉ. मृणाल शेखर एवं उनके समर्थक के अलावा शहर के सैकड़ों लोग तिरंगा झंडा लिए वाहन के आगे-आगे भारत माता की जयघोष करते हुए पूरे बाजार का भ्रमण करते हुए सिहुड़ी मोड़ होकर धन्नीचक गांव तक गये। गांव में दो हजार से अधिक लोग जमा थे। शहीद का शव लेकर जब गांव में प्रवेश किया तो सैकड़ों युवक एवं बच्चे हाथ में तिरंगा लिए जबतक सूरज चांद रहेगा शहीद चंद्रशेखर तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि नारे से गुंजायमान हो उठा। भीड़ इस कदर था कि लोग शहीद का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि देने की होड़ सी लग गई। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस एवं स्थानीय लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ा । वहीं जब शहीद चंद्रशेखर का शव उनके घर के समीप पहुंचा तो गांव की महिला एवं स्वजनों के रोने-धोने से माहौल गमगीन हो गया। सेना वाहन से आए जवानों ने पूरे सम्मान के साथ शहीद का शव उतारकर उनके घर ले गये। शहीद चंद्रशेखर की पत्नी सोनम देवी एवं पुत्र विराज कुमार एवं पुत्री वैष्णवी कुमारी, पिता हलधर यादव एवं स्वजनों के रोने के चित्कार से मौके पर पहुंचे हर किसी की आंखें नम हो गई। पुत्र विराज पिता का चेहरा देखने की जिद्द करने लगे। जिसे जब चाचा किशन यादव अपने गोद में लेकर पहुंचे तो पिता का शव देखते ही उन्हें पकड़कर रोने लगा। मासूम के पिता खोने के इस ह्रदयविदारक दृश्य देखकर सभी की आंखे नम हो गई। पुत्र के निधन से मां कामा देवी के रोने-धोने एवं बार-बार मूर्छित होने से स्वजन उन्हें संभालते दिखे। इसी बीच कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह, जदयू नेता जयंत राज भी शहीद के घर जाकर अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दिया। शहीद के परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त किया। शहीद के शव के साथ आये जवान ने बताया कि शहीद चंद्रशेखर बीमार थे और बाथरूम में फिसलकर गिरने से मौत हो गई। शहीद के शव का अंतिम संस्कार सुल्तानगंज गंगा घाट पर राजकीय सम्मान से किया जाएगा।

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