बच्चों की कम उपस्थिति पर बिगड़े डीएम
बांका। माध्यमिक शिक्षा की दशा सुधारने को लगातार प्रयासरत जिलाधिकारी कुंदन कुमार शनिवार को शिक्षक की भूमिका में आ गए।
बांका। माध्यमिक शिक्षा की दशा सुधारने को लगातार प्रयासरत जिलाधिकारी कुंदन कुमार शनिवार को शिक्षक की भूमिका में आ गए। उन्होंने उच्च विद्यालय मणियारपुर में खुद पूरे एक घंटी तक बच्चों को त्रिकोणमिती पढ़ाई। इस दौरान बच्चों को त्रिभुज, ¨बदु, रेखा आदि की समझ विकसित करने के साथ पूरा पाठ कंठस्थ कराने में कामयाब रहे। डीएम ने उन्नयन क्लास का भी जायजा लिया। साथ ही बच्चों को स्मार्ट क्लास से हो रहे फायदे पर भी पूछताछ की। इसका लाभ कितने बच्चे ले रहे हैं, और उन्हें किस तरह का फायदा हो रहा है। इन सब की जानकारी बच्चों से प्राप्त की। कक्षा में उनकी उपस्थिति से शिक्षकों के होश ठिकाने लगे हुए थे। विद्यालय में बच्चों की कम उपस्थिति पर उन्होंने ¨चता जताई। इसके बाद वे बाराहाट के उच्च विद्यालय मोहनपुर पहुंचे। वहां बच्चों की काफी कम उपस्थिति देख भड़क गए। इस पर शिक्षक और प्रधानाध्यापकों से भी बात की। शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि जिला के सभी विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति कम है। डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में आवश्यक और सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस दौरान माध्यमिक शिक्षा डीपीओ अहसन सहित विद्यालय के सभी शिक्षक साथ थे।
------------------------
अनुपस्थित अभिभावक के बच्चों का कटेगा नाम :
डीएम ने कहा कि अभी नवमीं से 12वीं तक की पढ़ाई में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। इंटर विज्ञान की पढ़ाई के लिए अतिथि शिक्षक तैनात किए गए हैं। इस सब के बाद भी बच्चों का नहीं आना ¨चता का विषय है। उन्होंने अगले शनिवार 29 सितंबर को जिला भर के सभी माध्यमिक विद्यालयों में एक साथ अभिभावक शिक्षक गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया है। खास कर विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावक को इस बैठक में अनिवार्य रूप से बुलाने को कहा गया है। लगातार कक्षा से अनुपस्थित बच्चों के अभिभावक इस बैठक में उपस्थित होकर अगर बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का भरोसा नहीं देंगे, तो ऐसे बच्चों का विद्यालय से काट कर हटा दिया जाएगा। शनिवार की बैठक में ऐसे बच्चों को पक्ष रखने का अंतिम मौका है। डीपीओ माध्यमिक शिक्षा असहन ने बताया कि बैठक के लिए पत्र जारी किया जा रहा है। इस बीच सभी विद्यालय नवमीं से 12 वीं तक में लगातार अनुपस्थित बच्चों की सूची तैयार कर लेंगे।