हीरालाल की मौत मामले की होगी जांच
बांका। समय पर इलाज नहीं होने से हीरालाल के मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग के दावे की सच्चाई खोल कर रख
बांका। समय पर इलाज नहीं होने से हीरालाल के मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग के दावे की सच्चाई खोल कर रख दिया है। वैसे, दैनिक जागरण के बुधवार के अंक में अस्पताल में तड़पकर मर गया हीरालाल शीर्षक से छपी खबर के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। सीएस डॉ. सुधीर कुमार महतो ने अस्पताल प्रबंधक से मामले की पूरी जानकारी ली है। जिसमें यह बात स्पष्ट सामने आई है कि जिस समय हीरालाल को अस्पताल लाया गया था। उस समय अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं थे और समय पर इलाज नहीं होने के कारण ही उसकी मौत हो गई। सवाल उठता है कि हीरालाल के मौत का जिम्मेवार कौन है अगर समय पर रेफरल अस्पताल में इलाज नहीं होना है तो दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
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भगवान भरोसे है रेफरल अस्पताल की व्यवस्था :
रेफरल अस्पताल में आयुष चिकित्सक समेत कुल दस चिकित्सक पदस्थापित है। जिसमें डॉ. अभय प्रकाश चौधरी, डॉ. आरती ठाकुर, डॉ. दिप्ति सिन्हा, डॉ. अशोक कुमार साह, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. ज्योति भारती, डॉ. नवल किशोर साह सहित अन्य तीन चिकित्सक है। सभी का ड्यूटी चार्ट भी बनाया हुआ है। लेकिन ड्यूटी चार्ट महज वरीय पदाधिकारी को आंख में धूल झोंकने के लिए है। कुछ चिकित्सक महज सप्ताह में एक दिन ओपीडी या इमर्जेंसी ड्यूटी कर पूरे सप्ताह की हाजिरी बना ले रहे हैं। इससे भी जी नहीं भरता है तो अपने जूनियर को उधार की ड्यूटी कराने को भी मजबूर कर रहे हैं। जिससे आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का अबतक समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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कोट
हीरालाल की मौत को लेकर सिविल सर्जन ने जानकारी प्राप्त की है। रेफरल प्रभारी डॉ. अभय प्रकाश चौधरी विभागीय कार्य से पटना में है। रेफरल प्रभारी आने के बाद मामले की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा जाएगा।
सुनील कुमार चौधरी, अस्पताल प्रबंधक